पति और ससुराल वालों की प्रताड़ना से तंग आकर महिला की संदिग्ध मौत, पिता ने लगाया हत्या का आरोप

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संत कबीर नगर, जनपद संत कबीर नगर के धनघटा थाना क्षेत्र के बरंडा गांव निवासी नईम अहमद ने अपनी बेटी गुलशन अंसारी की संदिग्ध मौत के बाद पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। नईम अहमद ने पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि उनकी बेटी गुलशन अंसारी का विवाह वर्ष 2015 में मुस्लिम रीति-रिवाज से नबी अहमद पुत्र मुस्लिम, निवासी ग्राम टेटार, थाना महोली, जनपद संत कबीर नगर के साथ हुआ था। शादी के कुछ समय बाद ही गुलशन को दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जाने लगा।

विवाह के बाद शुरू हुई प्रताड़ना

शादी के बाद गुलशन को न केवल मानसिक बल्कि शारीरिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाने लगा। गुलशन के पति नबी अहमद और उसके परिवार के अन्य सदस्यों ने उस पर लगातार दहेज लाने का दबाव बनाना शुरू किया। गुलशन ने कई बार अपने पिता और परिवार को इस बारे में बताया, लेकिन उसे यह उम्मीद थी कि समय के साथ हालात सुधर जाएंगे।

पंचों की मध्यस्थता से समझौता

गुलशन के पिता नईम अहमद ने बताया कि जब स्थिति असहनीय हो गई, तो उन्होंने 20 जुलाई 2024 को ग्राम पंचायत के पंचों के सामने मामले को उठाया। पंचों की मध्यस्थता में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराया गया, जिसमें नबी अहमद ने यह वादा किया था कि वह गुलशन के साथ कोई मारपीट या अभद्र व्यवहार नहीं करेगा। समझौते की शर्तों के अनुसार, 26 जुलाई 2024 को गुलशन की विदाई नबी अहमद के साथ की गई।

समझौते की शर्तें निम्नलिखित थीं:

1. मारपीट और गाली-गलौज बंद करने का वादा: नबी अहमद ने पंचों के सामने यह स्वीकार किया था कि वह गुलशन को शारीरिक या मानसिक रूप से प्रताड़ित नहीं करेगा। नबी ने वादा किया कि वह अपनी पत्नी के साथ अच्छे संबंध बनाए रखेगा।

2. भविष्य में विवाद न करने की सहमति: दोनों पक्षों ने यह भी तय किया कि भविष्य में किसी भी प्रकार का झगड़ा नहीं होगा और विवादों को आपसी सहमति से सुलझाया जाएगा।

3. दुर्व्यवहार पर कानूनी कार्रवाई: समझौते में यह भी शर्त रखी गई थी कि अगर नबी अहमद भविष्य में गुलशन के साथ दुर्व्यवहार करता है, तो उसे गुलशन के शादी से लेकर अब तक के सभी खर्चों की भरपाई करनी होगी और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

समझौते के बावजूद प्रताड़ना जारी

समझौते के बावजूद नबी अहमद और उसके परिवार का व्यवहार नहीं बदला। गुलशन को लगातार प्रताड़ित किया जाता रहा। नईम अहमद का कहना है कि उनकी बेटी ने कई बार उन्हें फोन कर यह बताया कि नबी अहमद और उसके परिवार वाले उसे दहेज के लिए प्रताड़ित कर रहे हैं। गुलशन का मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न बदस्तूर जारी रहा, लेकिन उसने अपने परिवार की प्रतिष्ठा और समाज के डर से इस मामले को आगे नहीं बढ़ाया।

संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

6 सितंबर 2024 की शाम को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जब गुलशन को उनके ससुराल वालों के घर की छत की कुंडी से लटका पाया गया। गांव के लोगों ने नईम अहमद को इस घटना की सूचना दी। शाम करीब 5:30 बजे यह घटना हुई, और जब तक नईम अहमद वहां पहुंचे, गुलशन का शव नीचे उतारा जा चुका था।

नईम अहमद का आरोप है कि उनकी बेटी की हत्या की गई है और इसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की गई है। उन्होंने कहा कि उनकी बेटी कभी भी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकती थी। गुलशन के पिता ने सीधे तौर पर गुलशन के पति नबी अहमद, सास फातिमा, देवर वसी अहमद और ननद इरकोना पर उनकी बेटी की हत्या का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ससुराल पक्ष ने मिलकर गुलशन की हत्या की और फिर उसे आत्महत्या का रूप देने के लिए उसके शव को छत की कुंडी से लटका दिया।

पिता ने दर्ज कराई शिकायत, आरोपियों पर कार्रवाई की मांग

नईम अहमद ने थानाध्यक्ष महोली को दी गई तहरीर में यह साफ किया कि उनकी बेटी को शादी के बाद से ही दहेज की मांग को लेकर प्रताड़ित किया जा रहा था। उन्होंने गुलशन के पति नबी अहमद और ससुराल पक्ष के अन्य सदस्यों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि गुलशन को बार-बार प्रताड़ित करने के बावजूद पुलिस और प्रशासन ने समय रहते कोई कार्रवाई नहीं की, जिसकी वजह से आज यह दुखद घटना घटी।

थानाध्यक्ष महोली से अनुरोध किया गया है कि इस गंभीर मामले की जांच कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि गुलशन को न्याय मिल सके।

क्यों न्याय मिलने में हो रही देरी?

महिला हेल्पलाइन नंबर पर भी फोन करने पर आज तक नहीं हुई कोई कार्यवाही और ने आरोपियों की कोई गिरफ्तारी हुई पिता ने मीडिया के माध्यम से लगाई न्याय की गुहार पीड़ित पिता न्याय के लिए दर-दर भटकनें को मजबूर आरोपियों पर कोई नहीं हुई कार्यवाही और आरोपी खुले आम घूम रहे हैं इस प्रकार की घटनाओं से समाज पर क्या असर पड़ता है पीड़ित पिता ने कहा कि अगर मेरी बच्ची को न्याय मिले तो उसकी आत्मा को शांति मिल सके और समाज में ऐसी घटनाओं के प्रति सरकार और पुलिस प्रशासन सतर्क रहे ताकि गुलशन के साथ जो हुआ वह किसी और के साथ ना हो।

मृतक गुलशन के पिता नईम अहमद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया की विदाई के समय एक नहीं बल्कि पति को सौ बार बताया कि मेरी बेटी के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार नहीं करेगा परंतु उसने किसी की एक न मानी और वह मेरी बेटी के साथ अभद्र व्यवहार करता रहा अपने परिवार की लाज के लिए उसने अपने माता-पिता को कुछ नहीं बताया दहेज प्रताड़ना का मुकदमा न्यायालय में चला हुआ है और वह सारे दस्तावेज पिता नईम अहमद के पास मौजूद हैं उन्होंने कहा कि वह अपनी बेटी को न्याय दिला कर रहेंगे और आरोपियों को जेल तक पहुंचाएंगे और इसमें जो आर्थिक नुकसान हुआ है उसकी भरपाई भी ससुराल वालों और आरोपी पति से की जाएगी। इस मामले में पुलिस भी किसी प्रकार की मदद नहीं कर रही और आरोपी सरेआम घूम रहे है। अतः पीड़ित पिता नईम अहमद नें सरकार से लगाई इंसाफ और मदद की गुहार।

ई खबर मीडिया के लिए  ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट

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