मोरनी, 28 सितंबर 2024(देव शर्मा) : पीएचसी मोरनी में आज विश्व रेबीज दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें डॉक्टर सुनील दहिया ने आम जनता, स्कूल के छात्र-छात्राओं और अध्यापकों को रेबीज बीमारी के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
डॉ. दहिया ने बताया कि रेबीज एक घातक बीमारी है, जो मुख्य रूप से आवारा कुत्तों, बंदरों और अन्य जानवरों के काटने या उनके संपर्क में आने से फैल सकती है। उन्होंने सलाह दी कि लोगों को अपने आसपास के वातावरण पर निगरानी रखनी चाहिए और ऐसे जानवरों के संपर्क में आने से बचना चाहिए, जो संदिग्ध हो सकते हैं।
डॉ. दहिया ने रेबीज के लक्षणों के बारे में बताया, जैसे हाइड्रोफोबिया (पानी से डर), मांसपेशियों में दिक्कत और गंभीर मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को संदिग्ध जानवर काटे तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें। सबसे पहले घाव को 10 मिनट तक तेज बहते पानी के नीचे धोएं और उसके बाद तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर एंटी रेबीज वैक्सीन (ARV) का टीकाकरण शुरू करवाएं।
ARV का टीकाकरण कोर्स 0, 3, 7, और 28 दिन का होता है और यह पीएचसी मोरनी में उपलब्ध है। डॉक्टर दहिया ने सभी से अनुरोध किया कि ऐसे मामलों को हल्के में न लें और तुरंत अस्पताल जाकर इलाज करवाएं।
रेबीज जैसी गंभीर बीमारी से बचाव और जागरूकता के लिए इस कार्यक्रम में डॉक्टर साहब ने सभी को सतर्क रहने और समय पर उपचार लेने की सलाह दी।
ई खबर मीडिया के लिए हरियाणा ब्यूरो देव शर्मा की रिपोर्ट