चार बच्चे पैदा करो, एक लाख रुपये ले जाओ”, परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ने किया ऐलान

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परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष ने एक सम्मेलन के दौरान बड़ी घोषणा करके विवाद खड़ा कर दिया। उन्होने कहा कि चार बच्चे पैदा करने वाले जोड़ों को बोर्ड की ओर से एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।
इंदौर: मध्य प्रदेश सरकार के परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पंडित विष्णु राजोरिया ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने ब्राह्मणों के एक समुदाय के एक सम्मेलन के दौरान घोषणा करते हुए कहा कि इस समुदाय में चार बच्चे पैदा करने वाले जोड़ों को बोर्ड की ओर से एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। हालांकि, इस घोषणा के तूल पकड़ने के बाद राजोरिया को सफाई देनी पड़ी। सफाई में उन्होंने कहा कि सूबे में ब्राह्मण समुदाय की आबादी बढ़ाने को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार के स्तर पर कोई भी इनामी योजना शुरू नहीं की गई है। वह अपनी निजी हैसियत से यह इनाम देंगे।
परिचय सम्मेलन में शामिल हुए राजोरिया
दरअसल, परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष इंदौर में सनाढ्य ब्राह्मण समुदाय के विवाहयोग्य युवक-युवतियों के परिचय सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने यह घोषणा की जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। राजोरिया इस वीडियो में कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि अच्छी पद-प्रतिष्ठा प्राप्त करने के बाद युवा महज एक बच्चा पैदा करके अपने परिवार पर विराम लगा देते हैं और यह मामला बड़ा ही गड़बड़ चल रहा है।

चार बच्चे पैदा करने की अपील
उन्होंने परिचय सम्मेलन में भाग ले रहे युवक-युवतियों से मुखातिब होते हुए कहा, ‘‘मेरा आपसे आग्रह है कि कम से कम चार (बच्चे) तो होना ही चाहिए। सनाढ्य समाज में जिनके चार बच्चे होंगे, तो उनको एक लाख रुपये का इनाम परशुराम कल्याण बोर्ड देगा।’’ राजोरिया ने यह भी कहा कि परशुराम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति की ओर से यह इनाम दिया जाएगा, भले ही भविष्य में वह इस पद पर रहे या न रहें।

सरकार ने नहीं शुरू की कोई योजना
परिचय सम्मेलन में की गई घोषणा के बारे में पूछे जाने पर राजोरिया ने सोमवार को कहा, ‘‘इस सम्मेलन के दौरान 58 जोड़ों की शादी तय हो गई है। मैंने सम्मेलन में भाग लेने वाले युवक-युवतियों के लिए घोषणा की थी कि अगर वे शादी के बाद चार संतान पैदा करेंगे, तो उन्हें मेरी ओर से एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार राशि का प्रबंध वह व्यक्तिगत हैसियत या सामाजिक सहयोग से करेंगे और प्रदेश सरकार ने इस पुरस्कार के लिए कोई योजना शुरू नहीं की है। राजोरिया ने दावा किया कि देश में वर्ष 1951 के मुकाबले ब्राह्मणों की आबादी घटकर आधी रह गई है।

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