राजमहल (साहिबगंज)। सोमवार की सुबह हापुड़ टोला गांव में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब एक पुराने जमीनी विवाद ने खूनी रूप ले लिया। विवाद की शुरुआत आम तोड़ने से हुई, लेकिन बात इतनी बढ़ गई कि चाकू चल गए। इस हमले में एक 60 वर्षीय बुजुर्ग महिला और उसका 16 वर्षीय नाबालिग बेटा गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
मुंबई से फोन पर दी सूचना, तब हरकत में आई पुलिस
घटना के वक्त पीड़ित नवाब शेख मुंबई के रत्नागिरी में आम व्यापार से जुड़े काम में लगे थे। जब उन्हें परिवार पर हमले की जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया। इसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। लेकिन घटना के तीन दिन बाद भी पुलिस अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
घर के पीछे आम तोड़ रहा था नाबालिग, चाचा पक्ष ने किया हमला
पीड़ित नवाब शेख के अनुसार, घटना 10 जून की सुबह करीब 10:30 बजे की है जब उनका नाबालिग भाई वाशिम शेख अपने ही घर के पीछे आम के पेड़ से आम तोड़ रहा था। तभी पड़ोसी चाचा नुरुल हक और उनके बेटे अली शेख, शेर खान ने हमला कर दिया। थोड़ी ही देर में नुरुल हक की पत्नी समेत परिवार के कई सदस्य – महमूर शेख, राशिमा बीवी, इब्राहिम शेख, अजमाइल शेख, नूरहसन शेख और मुर्शलिन शेख – लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से लैस होकर घर में घुस आए और जानलेवा हमला कर दिया।
हमले में नवाब की मां सायरा बीवी को पेट और सिर में गंभीर चोटें आईं, वहीं वाशिम शेख को भी चाकू मारा गया। हमले के बाद आरोपी मौके से फरार हो गए।
अस्पताल में भर्ती मां-बेटे की हालत गंभीर, गांव में तनाव
स्थानीय अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, चाकू से लगी गंभीर चोटों के कारण दोनों की स्थिति बेहद नाजुक बनी हुई है। गांव में तनाव और दहशत का माहौल है।
पुराना जमीनी विवाद है हमले की वजह, मामला न्यायालय में विचाराधीन
पीड़ित पक्ष के अनुसार, जमीन को लेकर दोनों परिवारों में वर्षों से विवाद चल रहा है। चाचा पक्ष का दावा है कि नवाब शेख का परिवार उनकी जमीन पर अवैध रूप से रह रहा है, जबकि जमीन की नपती हो चुकी है और मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
पुलिस पर गंभीर आरोप, हमलावर दे रहे खुलेआम धमकी
नवाब शेख का आरोप है कि घटना के बावजूद पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। घायलों को अस्पताल पहुंचाने के बाद पुलिस ने सिर्फ इतना कहा कि “इलाज कराओ, बाकी हम देख लेंगे”। वहीं, हमलावर पक्ष खुलेआम धमकी दे रहा है कि “पूरा परिवार खत्म कर देंगे”, लेकिन पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
अगले दिन फिर की गई घुसपैठ, जुड़वा भाई और बहनों पर हमला करने की कोशिश
हमले के अगले दिन मंगलवार को आरोपियों ने दोबारा नवाब शेख के घर में घुसने की कोशिश की। इस बार उन्होंने वाशिम के जुड़वा भाई नईमी शेख और बहनों – कोहिनूर खातून व सेलिना खातून – को निशाना बनाना चाहा। लेकिन किसी ने समय पर पुलिस को सूचना दे दी, जिससे उनकी जान बच सकी।
पुलिस अधीक्षक से सुरक्षा की मांग, गांव में नाराजगी
पीड़ित परिवार ने थाना प्रभारी और पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत देकर दोषियों की गिरफ्तारी और परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की है। नवाब शेख का कहना है कि अगर समय रहते प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की, तो वे उच्च न्यायालय और मानवाधिकार आयोग का रुख करेंगे। वहीं गांव में पुलिस की निष्क्रियता को लेकर लोगों में नाराजगी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
क्या बुजुर्ग महिला और नाबालिग पर हुआ हमला यूं ही दफ्न हो जाएगा?
इस पूरे मामले ने स्थानीय प्रशासन और पुलिस व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या झगड़ों का अंत ऐसे खूनी हमलों में ही होता रहेगा? क्या पीड़ितों को न्याय मिलेगा? ये सवाल अब पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन चुके हैं।
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट