26 वर्षों से ज़मीन विवाद में फंसे बुजुर्ग, विधायक और प्रशासन पर लगाया उत्पीड़न का आरोप

Date:

नक्शे की हेराफेरी, फर्जी खतौनी और सरकारी मिलीभगत से छीनी जा रही है पुश्तैनी ज़मीन”, कैलाश मिश्रा का गंभीर आरोप

अयोध्या, रुदौली:
जनपद अयोध्या की रुदौली तहसील अंतर्गत बाबक बाजार थाना क्षेत्र के 65 वर्षीय बुजुर्ग कैलाश प्रकाश मिश्रा बीते करीब 26 से 27 वर्षों से ज़मीन विवाद के दलदल में फंसे हैं। उनका आरोप है कि प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर क्षेत्रीय विधायक तक प्रभावशाली विपक्षियों के पक्ष में काम कर रहे हैं, और वे स्वयं वर्षों से न्याय की गुहार लगा रहे हैं, परंतु सुनवाई नहीं हो रही।

पैतृक भूमि पर कब्जे का आरोप, वर्षों पुरानी ज़मीन से जबरन बेदखली

शिकायतकर्ता कैलाश प्रकाश मिश्रा, जिनके पिता विक्रम प्रसाद पुत्र गणेश के नाम पर दर्ज भूमि है, का दावा है कि उनके पास करीब पक्का बज बीघा आठ विश्व और अधूरी भूमि है, जिस पर उनका परिवार दशकों से काबिज है।

उन्होंने बताया कि कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों द्वारा “नवीन प्रति” के माध्यम से इस ज़मीन पर फर्जी दस्तावेज़ बनाकर कब्जा कर लिया गया। इस कब्जे को वैधानिक रूप देने में तहसील से लेकर एसडीएम स्तर तक की भूमिका संदिग्ध रही, ऐसा आरोप मिश्रा का है।

माया बत्ती प्रधान चुनाव से शुरू हुआ विवाद

मिश्रा के अनुसार यह पूरा विवाद माया बत्ती क्षेत्र में हुए प्रधान चुनाव के दौरान उस समय प्रारंभ हुआ, जब सज्जू प्रधान हुआ करते थे।
उन्होंने बताया कि ज़मीन की मूल गाटा संख्या 197 मीटर थी, जिसे बिना किसी वैध आदेश के हेरफेर कर गाटा संख्या 321 मीटर में दर्ज कर दिया गया। इसमें भूमि को “शून्य बीघा बंजर” के रूप में दर्ज किया गया, जिससे कब्जा खत्म मान लिया गया।

हालाँकि बाद में चकबंदी अधिकारियों ने आदेश देकर भूमि को पुनः बंजर खाते में डाल दिया, लेकिन इसके बावजूद तहसील स्तर पर गड़बड़ियों का सिलसिला जारी रहा।

2003 में विवादित कृषि पट्टा, सरकारी नियमों की अनदेखी

1 फरवरी 2003 को तहसील रुदौली द्वारा गाटा संख्या 321 मीटर की दो बीघा भूमि का कृषि पट्टा विपक्षी संख्या 3 को आवंटित कर दिया गया, जबकि मिश्रा के अनुसार यह ज़मीन उस समय भी खाली नहीं थी और उनका वास्तविक कब्जा बना हुआ था, जो उनके पिता के समय से चला आ रहा है।

फर्जी खतौनी व बैनामा का खेल, न्यायालय में मामला विचाराधीन

इस प्रकरण के खिलाफ 8 जनवरी 2024 को कैलाश प्रकाश मिश्रा ने न्यायालय श्रीमान पराग नादरी (रुदौली) में पट्टा निरस्तीकरण का वाद दायर किया, जो अभी विचाराधीन है।

मिश्रा का आरोप है कि विपक्षी संख्या 3, जो पात्र व्यक्ति भी नहीं था, ने वेब पोर्टल व खतौनी में हेरफेर कर अधिक भूमि अपने नाम दर्ज करवा ली और फिर उसका बैनामा विपक्षी संख्या 2 को कर दिया। शेष भूमि भी विपक्षी संख्या 1 को बैनामे के माध्यम से ट्रांसफर कर दी गई।

 नक्शे की दुरुस्ती को लेकर अलग वाद दायर

कैलाश मिश्रा ने बताया कि उन्होंने गाटा संख्या से संबंधित गलत नक्शे को लेकर भी अलग से एक वाद दायर किया है, जिसमें नक्शा दुरुस्ती की मांग की गई है।

शासन-प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग

कैलाश प्रकाश मिश्रा ने राज्य सरकार और उच्च प्रशासन से मांग की है कि

इस मामले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच कराई जाए

2003 में हुए फर्जी पट्टे की वैधता की समीक्षा हो

चकबंदी व खतौनी की असल स्थिति सामने लाई जाए

और उन्हें उनकी पुश्तैनी ज़मीन वापस दिलाई जाए

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Subscribe

spot_imgspot_imgspot_img

Popular

More like this
Related

जमीन विवाद में चाचा के बेटे पर मारपीट व जान से मारने की धमकी का आरोप

शाजापुर (मध्यप्रदेश), 13 अक्टूबर 2025: ग्राम निशाना, थाना अकोदिया निवासी...