दिल्ली में नवविवाहिता की रहस्यमयी मौत: पिता ने ससुराल पर लगाया हत्या का आरोप, इंसाफ के लिए दिल्ली की गलियों में भटक रहा है एक बाप

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विशेष संवाददाता | दिनांक: 24 जुलाई 2025 | स्थान: दिल्ली/सीतामढ़ी

दिल्ली के उत्तम नगर स्थित नंदराम पार्क में रहने वाली अंजली कुमारी (उम्र 18 वर्ष) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। बिहार के जिला सीतामढ़ी के ग्राम पंचायत राज इंदरवा, थाना सोनबरसा निवासी अंजली के पिता उमेश महतो ने इसे सुनियोजित दहेज हत्या करार दिया है और ससुराल पक्ष पर संगीन आरोप लगाए हैं।

शादी, सपने और फिर अचानक मौत

9 मई 2025 को धूमधाम से अंजली की शादी दिल्ली में काम करने वाले रवि भूषण से कराई गई थी। शादी के बाद वह दिल्ली शिफ्ट हुई, जहां वह एक ही कमरे में अपने पति, सास सावित्री देवी, ससुर अवध महतो और देवर सुनील कुमार के साथ रहने लगी। शुरुआत से ही अंजली पर दहेज के लिए दबाव बनाया जाता रहा। उसने कई बार पति से अलग रूम लेने की बात कही, लेकिन वह हर बार टालता रहा।

17 जुलाई की आखिरी कॉल: “मैं बहुत परेशान हूं मम्मी…”

17 जुलाई की सुबह अंजली ने अपनी मां मेनका देवी से फोन पर बात की और साफ कहा कि वह मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही है। लेकिन दोपहर बाद उसका फोन बंद हो गया। पिता उमेश महतो ने जब ससुरालवालों से संपर्क करने की कोशिश की, तो किसी ने भी फोन नहीं उठाया।

रात आई सबसे भयावह खबर

उसी दिन रात को जब उमेश महतो (जो उस समय लुधियाना में कार्यरत थे) को दिल्ली पुलिस का फोन आया तो उन्हें बताया गया कि अंजली की लाश कमरे में मिली है और गले पर खरोंच के गहरे निशान हैं, जो गला दबाकर हत्या की ओर इशारा करते हैं। यह सूचना मकान मालिक द्वारा पुलिस को दी गई, जिसने ससुर अवध महतो को भागते समय पकड़वाया, बाकी सभी—रवि भूषण, सास सावित्री देवी और देवर सुनील कुमार—मौके से फरार हो गए।

FIR में हेराफेरी, न्याय की राह में अड़चनें

पीड़ित पिता का आरोप है कि बिंदापुर थाने में दर्ज एफआईआर तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर दर्ज की गई है। घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश हो रही है। गले पर मिले निशान, संदिग्ध चुप्पी और आरोपियों का भाग जाना—यह सब मिलकर हत्या की ओर स्पष्ट संकेत करते हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।

उत्तम नगर की गलियों में भटक रहा है एक बाप

अंजली के पिता उमेश महतो वर्तमान में दिल्ली के उत्तम नगर मेट्रो स्टेशन के पास दीपक बिहार में अस्थायी रूप से रह रहे हैं। वे दिन-रात थाने के चक्कर काट रहे हैं, अधिकारियों से मिल रहे हैं, शिकायतें लिखवा रहे हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

“मेरी बेटी को मार डाला गया, मैं हर दिन सिस्टम के दरवाजे पर दस्तक देता हूं… लेकिन न्याय तो जैसे बहरे कानों में चिल्लाना बन गया है…” – उमेश महतो, पिता

ये मामला सिर्फ अंजली का नहीं है, ये चेतावनी है हम सबके लिए

आज अंजली मरी है, कल कोई और मरेगी…
जब तक सिस्टम मौन रहेगा, दहेज के दानव यूं ही बेटियों की गर्दन मरोड़ते रहेंगे।

सरकार, पुलिस प्रशासन और समाज को इस पर तत्काल और निष्पक्ष कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि अंजली कुमारी सिर्फ एक नाम बनकर न रह जाए, बल्कि एक चेतावनी बन जाए उन लोगों के लिए जो बेटियों को दहेज की वजह से मार डालते हैं।

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