सड़क हादसे में युवक की मौत, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ – प्रशासन से मदद की गुहार

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अमेठी (गौरीगंज), 27 सितंबर:
जिला अमेठी के थाना गौरीगंज क्षेत्र के निवासी रवि सोनकर (उम्र 23 वर्ष), पुत्र रामू सोनकर, की एक दर्दनाक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। यह हादसा 27 सितंबर की सुबह करीब 4:00 बजे उस समय हुआ जब रवि अपने बुआ के बेटे अजय सोनकर, पुत्र अशोक सोनकर, को रेलवे स्टेशन से लाने गए थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, स्टेशन के पास एक अज्ञात तेज रफ्तार गाड़ी ने रवि और अजय को जोरदार टक्कर मार दी। हादसा इतना भयानक था कि रवि सोनकर की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि अजय सोनकर गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी हालत अभी भी नाजुक बनी हुई है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस गाड़ी से एक्सीडेंट हुआ था, वह घटनास्थल से भागते हुए देखी गई थी, और कुछ लोगों ने यह भी दावा किया है कि गाड़ी को पकड़ लिया गया था, लेकिन इसके बावजूद अब तक न तो गाड़ी की पहचान हो सकी है और न ही पुलिस की ओर से कोई ठोस कार्रवाई की गई है।

सीसीटीवी फुटेज है, फिर भी जांच धीमी

मामले में और भी चौंकाने वाली बात यह है कि हादसा जिस स्थान पर हुआ, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। इसके बावजूद अब तक पुलिस द्वारा कोई फुटेज खंगालने या अपराधी को पकड़ने की दिशा में सक्रिय प्रयास नहीं किया गया है।

पीड़ित परिवार का कहना है कि पुलिस प्रशासन की ओर से अब तक न तो कोई मदद मिली है और न ही उन्हें न्याय दिलाने की कोशिश की जा रही है।

परिवार पर टूटा दुख का पहाड़

रवि सोनकर परिवार का बड़ा बेटा था। उसकी चार बहनें और एक छोटा भाई है जिसकी उम्र महज 12 साल है। घर की आर्थिक जिम्मेदारी रवि के कंधों पर थी। अब उसकी असमय मृत्यु ने पूरे परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

परिजनों ने बताया कि 28 सितंबर को रवि की छोटी बहन की गोद भराई (गोद भरने की रस्म) थी, जो अब शोक में बदल गई है। रवि की मां, बहनें और पूरा परिवार बदहवास हैं। बहन ज्योति सोनकर, जो स्वयं विवाहिता हैं, का कहना है:

“जिस बेटे पर पूरा घर टिका था, वह अब नहीं रहा। परिवार अब बेसहारा हो गया है।”

प्रशासन से न्याय की मांग

परिवार और गांव के लोगों ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि:

1. घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।

2. सीसीटीवी फुटेज को तत्काल जांच में लिया जाए।

3. हादसे में शामिल वाहन और चालक की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए।

4. पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता और सरकारी मदद दी जाए।

अभी तक प्रशासन की चुप्पी

अब तक स्थानीय प्रशासन की ओर से कोई बयान या सहायता नहीं मिली है। पीड़ित परिवार दर-दर भटक रहा है, लेकिन अभी तक न कोई मदद मिली है और न ही अपराधियों को पकड़ने की दिशा में कोई प्रगति दिखाई दे रही है।

निष्कर्ष:
यह हादसा न केवल एक युवक की असमय मृत्यु का मामला है, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और न्याय प्रणाली की सुस्ती का भी उदाहरण बनता जा रहा है। अगर समय रहते न्याय नहीं मिला, तो यह केवल एक परिवार ही नहीं, बल्कि समाज के लिए भी एक दुखद संदेश होगा।

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