भोपाल में बाहरी लोगों के रुकने पर प्रतिबंध:आज शाम 6 बजे थमेगा चुनावी शोर; पहले से जारी सारी परमिशन निरस्त होंगी

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भोपाल में विधानसभा चुनाव का शोर बुधवार शाम 6 बजे से थम जाएगा। इसके साथ ही पहले से जारी सारी परमिशन निरस्त हो जाएंगी। न चुनावी जुलूस निकलेंगे, न धरना, रैली या सभाएं होंगी। बाहरी लोगों के रुकने पर भी रोक रहेगी। शहर की सीमाओं पर चेकिंग भी होगी। ताकि, गड़बड़ी करने वालों को सख्ती से रोका जा सके।

विधानसभा चुनाव को देखते हुए कलेक्टर ने 15 नवंबर शाम 6 बजे से मतदान समाप्ति तक शुष्क दिवस घोषित किया है। आदेश के अनुसार 15 नवंबर बुधवार को शाम छह बजे से शुक्रवार को मतदान समाप्ति तक मदिरा के क्रय-विक्रय और भंडारण आदि पर प्रतिबंध लगाया है। इस दौरान सभी शराब दुकानों, रेस्टोरेंट बार, होटल बार, सिविलियन क्लब, सैनिक थोक कैंटीन, फुटकर कैंटीन, वाइन विक्रय के लिए स्वीकृत रिटेल आउटलेट और अन्य लाइसेंस केंद्र से शराब के आयात, निर्यात व परिवहन पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। इसी तरह तीन दिसंबर को मतगणना वाले पूरे दिन यह प्रतिबंध लागू रहेगा।

मतदान से पहले शहर से बाहर होंगे बाहरी लोग, धारा-144 में आदेश जारीमतदान के 72 घंटे पहले जिले के बाहरी लोगों को शहर छोड़ना पड़ेगा। शहर के होटल और लॉज की सघन निगरानी रखी जाए। इसके साथ जिले की सीमाओं पर बाहरी लोगों के आवागमन पर रोक लगाई जाएगी। इस संबंध में कलेक्टर आशीष सिंह ने धारा-144 में आदेश जारी किया है। इसके साथ सभी पीठासीन अधिकारियों के मोबाइल पर आयोग का एप डाउनलोड करा दिया गया है। जिससे प्रत्येक दो-दो घंटे में मतदान का रुझान मिलेगा। कलेक्टर ने एफएसटी, एसएसटी, व्हीव्हीटी सहित सभी दलों को आचार संहिता का पालन कराने में सख्ती बरतने की हिदायत दी।

मतदान के दिन बंद रहेंगी 1200 फैक्ट्री, 18 हजार कर्मचारियों की रहेगी छुट्टी, वेतन नहीं कटेगा17 नवंबर को होने वाले मतदान के दिन गोविंदपुरा इंडस्ट्री एरिया में करीब 1200 फैक्ट्री बंद रहेंगी। इन फैक्ट्री में काम करने वाले 18 हजार कर्मचारी मतदान करेंगे। फैक्ट्री संचालकों को करीब 60 करोड़ रुपए का नुकसान की आशंका है। एसोसिएशन के सेक्रेटरी एनएल गुप्ता ने बताया कि किसी भी कर्मचारी की सैलरी नहीं काटी जाएगी। उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारियों को वोट डालने के लिए प्रेरित किया है। और भी लोग अपने कर्मचारियों को मतदान के लिए प्रेरित करें। गौरतलब है कि इस संबंध में 8 नवंबर को कलेक्टर आशीष सिंह ने चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के साथ एक बैठक की थी। जिसमें मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर एक दिन के अवकाश दिए जाने का अनुरोध किया था। इसके बाद गोविंदपुरा औद्योगिक एसोसिएशन ने मंगलवार को इस संबंध में सभी फैक्ट्री संचालकों को निर्देश जारी कर दिए।

मध्य प्रदेश में प्रियंका गांधी की जनसभा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की भी जनसभाएं होंगी। बाकी दो दिन दलों और प्रत्याशियाें का पूरा जोर बूथ स्तर पर मतदाताओं को साधने में रहेगा। मतदान 17 नवंबर को सुबह सात से शाम छह बजे तक होगा।

पांच साल में बढ़े 25 लाख मतदाता

प्रदेश के पांच करोड़ 60 लाख मतदाता सरकार का चुनाव करेंगे। तीन दिसंबर को परिणाम आएंगे। चुनाव के लिए दो नवंबर को नामांकन वापसी के बाद सभी दलों के बड़े नेताओं ने ताबड़तोड़ सभाएं कीं। इसमें हर अंचल में मतदाताओं को साधने की कोशिश की गई। हालांकि, उन सीटों पर ज्यादा ध्यान रहा जहां वर्ष 2018 के चुनाव में पार्टी कमजोर थी। बता दें कि पिछले पांच साल में प्रदेश में 25 लाख मतदाता बढ़े हैं।

इसके अलावा कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि मतदान पूर्व भोपाल की धर्मशालाओं, होटलों और लाज में ठहरे ऐसे व्यक्ति जो भोपाल के नागरिक नहीं हैं, उन्हें भोपाल से बाहर जाने के आदेश जारी किए हैं।

भोपाल। विधानसभा निर्वाचन के तहत आदर्श आचरण संहिता को देखते हुए मतदान के समाप्त होने से 48 घंटे पहले यानि बुधवार शाम को 6 बजे भोपाल की सभी सातों विधानसभाओं में चुनाव प्रचार-प्रसार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू हो जाएगा। भोपाल कलेक्टर ने आदेश जारी कर सभी चुनावी रैलियों, सभाओं और प्रचार प्रसार के लिए इस्तेमाल संसाधनों के उपयोग पर रोक लगा दी है।

इसके अलावा कलेक्टर ने आदेश जारी किया है कि मतदान पूर्व भोपाल की धर्मशालाओं, होटलों और लाज में ठहरे ऐसे व्यक्ति जो भोपाल के नागरिक नहीं हैं, उन्हें भोपाल से बाहर जाने के आदेश जारी किए हैं। कलेक्टर ने धारा 144 लागू करते हुए यह आदेश जारी किए हैं। अन्य जिलों के नागरिक भोपाल से बाहर होंगे : निर्वाचन को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर आशीष सिंह ने आदेश जारी किए हैं कि ऐसे व्यक्ति जो भोपाल के नागरिक नहीं हैं।

उन्हें निर्वाचन की समाप्ति तक भोपाल की सीमा से बाहर करना होगा। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार सभी होटल, लाज, धर्मशालाओं में ठहरे बाहरी लोग जो भोपाल की किसी विधानसभा के मतदाता नहीं हैं, वे निर्वाचन की समाप्ति के 48 घंटे पहले पूर्व यानि 15 नवंबर (बुधवार को) को शाम 6 बजे से मतदान समाप्ति तक शहर में नहीं ठहर सकेंगे। इसके अलावा किसी भी तरह की जांच में इन लोगों को पुलिस का सहयोग भी करना होगा। इसके अलावा इस अवधि में वैवाहिक, सामुदायिक भवनों की सभी बुकिंग और राजनीतिक दलों और अभ्यर्थियों द्वारा की गई संदिग्ध बुकिंग पर की भी जांच की जाएगी। पांच या पांच से ज्यादा लोग नहीं हो सकेंगे इकठ्ठा : जारी आदेश के अनुसार मतदान समाप्ति के 48 घंटे पहले 15 नवंबर को शाम 6 बजे के बाद कोई भी व्यक्ति मतदान स्थलों के 200 मीटर की परिधि में बिना किसी कारण के पांच या पांच से ज्यादा लोग खड़े नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा न तो किसी भी तरह का जलूस निकाला जा सकेगा और न ही जनसभा का आयोजन होगा। किसी प्रत्याशी के समर्थन में लोग एकत्रित होकर नारेबाजी भी नहीं कर सकेंगे। ऐसा पर्चा या कागज भी नहीं बांटा जा सकेगा। जो निष्पक्ष चुनाव में बाधा डाले। बल्क एसएमएस पर भी रहेगा प्रतिबंध : प्रत्याशी बल्क एसएमएस के जरिए भी प्रचार-प्रसार नहीं कर सकेंगे। सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक व भडक़ाऊ मैसेज, डोर टू डोर कैम्पेनिंग पर भी रोक लगा दी गई है। हालांकि शांतिपूर्वक तरीके से घर घर जाकर वोट मांगा जा सकेगा।

जनसभाओं, दावों, वादों और आरोप-प्रत्यारोप से मतदाताओं को रिझाने के लिए बस बुधवार का ही दिन बाकी है। बुधवार शाम छह बजे के बाद प्रचार का शोरगुल थम जाएगा। भाजपा और कांग्रेस समेत सभी दल अंतिम दिन पूरी ताकत झोंकेंगे। कई दिग्गजों की जनसभाएं होंगी। बाकी दो दिन सभी दलों के नेता और प्रत्याशियों का पूरा जोर बूथ स्तर पर मतदाताओं को साधने में रहेगा। मतदान 17 नवंबर को सुबह सात से शाम छह बजे तक होगा।

पांच करोड़ 60 लाख मतदाता

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव में प्रदेश में पांच करोड़ 60 लाख मतदाता मतदान करेंगे। तीन दिसंबर को परिणाम आएंगे। दो नवंबर को नामांकन वापसी के बाद से सभी दलों के बड़े नेताओं ने ताबड़तोड़ सभाएं शुरू कर दी थीं। इसमें हर अंचल में मतदाताओं को साधने की कोशिश की गई। बता दें कि पिछले पांच साल में प्रदेश में 25 लाख मतदाता बढ़े हैं।

चुनाव का चुनाव प्रचार बुधवार की शाम 6 बजे से थम जाएगा। इस समय के बाद सभी प्रत्याशी घर-घर जाकर लोगों से केवल जनसंपर्क कर सकेंगे। चुनाव के दौरान शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिए गए हैं। नक्सल प्रभावित मतदान केंद्रों की सीमा में दोपहर 3 बजे ही चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। मतदान समाप्ति के निर्धारित समय के 48 घंटे पहले ही शोर गुल वाला चुनाव प्रचार थमने के निर्देश निर्वाचन आयोग से हैं। रैली सभा के साथ प्रत्याशी बैठक नहीं ले सकेंगे।

 

 

 

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