भोपाल में डेंगू का प्रकोप, कोलार की हालत खराब:स्कूल, पैथ लैब, अस्पतालों और आपूर्ति बाजार में भी मिला लार्वा, जुर्माना लगाया; 324 पॉजिटिव इस साल ज्यादा खतरा डेंगू एक चक्रीय पैटर्न पर काम करता है। विशेषज्ञ इस साल ज्यादा खतरे की आशंका जता रहे हैं। राजधानी में साल 2019 में 1,893 मामले डेंगू के दर्ज किए गए थे।
एमपी के भोपाल शहर में डेंगू के 10 नए मामले सामने आए हैं। डेंगू के मामलों में लगातार हो रही वृद्धि निवासियों के बीच चिंता का विषय बन गई है। अनुमान है कि इस साल मामले 300 के पार भी जा सकते हैं। एमपी हाईकोर्ट ने भोपाल और जबलपुर के नगर निगमों को नोटिस जारी कर डेंगू के मामलों की रिपोर्ट मांगी है।
जिला अधिकारी की कार्यप्रणाली पर सवाल
इस चिंताजनक स्थिति को लेकर जब नवनियुक्त जिला मलेरिया अधिकारी यानि डीएमओ डॉ अर्चना मिश्रा ने अभी तक बढ़ते वेक्टर संक्रमण से निपटने के लिए कोई योजना नहीं दी है। भोपाल में इस साल डेंगू के मामलों की संख्या पिछले साल के रिकॉर्ड को पार कर गई है।
असफल रही संपर्क
सितंबर के तीसरे सप्ताह तक 70 मामले थे। पिछले दो हफ्तों से कोशिशों के बावजूद डॉक्टर मिश्रा से संपर्क करने की कोशिशें असफल रही हैं। भोपाल के सीएमएचओ डॉ प्रभाकर तिवारी को जब पिछले हफ्ते स्थिति के बारे में बताया गया तो उन्होंने कहा कि कोविड-19 जैसी दैनिक रिपोर्ट सार्वजनिक डोमेन में जारी की जाएगी। पर पांच दिन बाद भी इस तरह के अपडेट अभी तक नहीं दिए गए हैं।
बीएमसी का दावा
वहीं भोपाल नगर निगम यानि बीएमसी ने दावा किया है कि वह वेक्टर जनित बीमारी के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रहा है। स्थानीय अस्पताल मरीजों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए हाई अलर्ट पर हैं। बीएमसी लोगों से मच्छर भगाने वाली दवाओं का उपयोग करने और स्थिर पानी से बचने सहित आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह कर रही है।