मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मंगलवार को भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित ‘गोवर्धन पर्व’ कार्यक्रम में भाग लिया, पूजा-पाठ किया और राज्य के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना की।भोपालः मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने एक बार फिर भगवान श्रीकृष्ण के नामों को लेकर नई व्याख्या दी है। राजधानी भोपाल के रविंद्र भवन में गोवर्धन पर्व के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि “श्रीकृष्ण का गोपाल नाम भी हम गलती से बोलते हैं, गोपाल कौन जो गाय पाले”।
मोहन यादव ने ‘गोपाल’ नाम की कर दी नई व्याख्या
दरअसल गोवर्धन पर्व के बारे में बताते बताते उन्होंने श्री कृष्ण को पसंद आने वाली दो चीजों के बारे में बात करते हुए कहा कि “भगवान को कोई और नाम से बोलो मत बोलो, जीवन भर दो चीज उनको अत्यंत प्रिय रही गांव की संस्कृति जो जीवन भर अपने सिर पर मोर मुकुट लगाकर उन्होंने जीवन भर गांव के लोगों का सम्मान ग्रामीण जन जीवन का सम्मान करने का काम किया और दूसरा इस प्रकार से वह जीवन भर कोई गोपाल बुलाए तो वह दुनिया की सारी दौलत लुटा दे इतना आनंद आ जाता था। गोपाल भी नाम उनका नाम गलती से हम बोलते हैं, गोपाल कौन जो गाय पाले… वह गोपाल कोई गोपाल उनके उससे थोड़ी जुड़ता है। उन्होंने तो यह पहचान कराई सभी के साथ की हम सब गोपाल है।” कृष्ण को “माखन चोर’ कहने पर जताई थी आपत्ति
इससे पहले भी सीएम डॉक्टर मोहन यादव कृष्ण को माखन चोर कहने पर आपत्ति दर्ज कर चुके हैं। तब उन्होंने कहा था कि उनके समय माखन कंस के घर जाता था। भगवान कृष्ण का आक्रोश था कि कंस हमारा माखन खाकर हम पर अत्याचार कर रहा है। इस आक्रोश को जताने के लिए उन्होंने माता-पिता से लेकर गांव तक बाल ग्वालों की टीम बनाई कि अपना माखन खाओ या मटकी फोड़ दो लेकिन दुश्मन को माखन नहीं पहुंचना चाहिए। उनका यह दृष्टिकोण उनके विद्रोह का प्रतीक था लेकिन अनजाने में इस विद्रोह को हम न जाने क्या-क्या कह देते हैं माखन चोर यह शब्द बोलने में भी खराब लगता है”।
दरअसल मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री उज्जैन से आते हैं जहां पर श्री कृष्ण ने सांदीपनि आश्रम में अपनी शिक्षा पूरी की थी। ऐसे में सीएम यादव लगातार श्रीकृष्ण के जीवन और उनके प्रतीकों की अपनी शैली में व्याख्या करते हुए धार्मिक कार्यक्रमों में नए-नए उदाहरण पेश करते रहे हैं। ऐसे में गोवर्धन पर्व पर दिया गया उनका यह बयान अब एक बार फिर चर्चा में है।