नई दिल्ली।
राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज थाना क्षेत्र से एक 16 वर्षीय किशोर के अचानक लापता होने से परिवार में कोहराम मच गया है। जानकारी के अनुसार, 1 जून की शाम करीब 8 बजे किशोर राजू होक (Raju Hoque), पिता रियाजुद्दीन (44), अपने घर से अचानक कहीं चला गया। परिजनों ने उसे आसपास, रिश्तेदारों और मित्रों के यहां तलाशने की हर मुमकिन कोशिश की, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं मिला।
बताया जा रहा है कि घटना से ठीक पहले राजू ने अपनी मां से मोबाइल ठीक कराने के लिए ₹3000 की मांग की थी। लेकिन घर की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उसकी मां ने पैसे देने से इनकार कर दिया। इसी बात से नाराज़ होकर वह घर छोड़कर निकल गया। तब से अब तक न तो वह घर लौटा और न ही किसी प्रकार का संपर्क किया है।
राजू मूल रूप से पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के मथाभांगा-2 प्रखंड अंतर्गत बाघमारा सुखानडिंगी, सुतरपाड़ा का निवासी है। वह हाल के वर्षों में अपने पिता के साथ दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में रह रहा था। पिता रियाजुद्दीन ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है और बेटे की सुरक्षित वापसी की गुहार लगाई है।
मां का दर्द छलका
राजू की मां ने रोते हुए बताया कि “हमारी हालत ऐसी नहीं थी कि हम ₹3000 दे सकें। हमने सोचा था कि कुछ दिन में पैसे का इंतजाम करके फोन सही करवा देंगे, लेकिन हमें क्या पता था कि बेटा इतनी बड़ी सज़ा देगा।”
पुलिस कर रही है तलाश
वसंत कुंज थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज कर किशोर की तलाश शुरू कर दी है। आसपास के इलाकों में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं, साथ ही कूचबिहार स्थित उसके पैतृक गांव में भी सूचना भेज दी गई है। राजू की तस्वीर और विवरण विभिन्न पुलिस थानों और बाल संरक्षण इकाइयों को भी भेजे गए हैं।
परिवार की अपील
परिवार ने आम लोगों और मीडिया से सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यदि किसी को राजू के बारे में कोई जानकारी मिले तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या पिता रियाजुद्दीन से संपर्क करें।
यह घटना एक बार फिर उन कड़वे सवालों को सामने लाती है, जिनमें किशोर उम्र के बच्चों की मानसिक स्थिति और परिजनों के साथ संवाद की अहमियत को नजरअंदाज कर दिया जाता है। केवल एक मोबाइल फोन और कुछ रुपए के कारण एक घर का चिराग बुझने के कगार पर है।
अगर आपके आसपास कोई भी ऐसा किशोर है, जो असामान्य व्यवहार कर रहा हो या भावनात्मक रूप से अस्थिर दिखे, तो उससे बात करें, उसे सुनें — शायद एक छोटी सी बातचीत किसी बड़े हादसे को रोक सके।