धनबाद, झारखंड: धनबाद जिले में पुलिस की एक कथित मनमानी कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैं। मामला धनबाद के सरायढेला थाना इलाके का है, जहां 8 मार्च की रात करीब 12:30 बजे पुलिस की दो गाड़ियाँ एक घर में घुसीं और नौवीं कक्षा के एक नाबालिग छात्र को उठाकर ले गईं। इसके साथ ही, उसकी मां नूतन चौरसिया को भी पुलिस कर्मियों और दो जीप भर पुलिस कर्मियों द्वारा हिरासत में ले लिया गया।
गिरफ्तारी पर सवाल, बिना वारंट की कार्रवाई?
जानकारी के अनुसार, यह गिरफ्तारी बरवड्डा थाना क्षेत्र में हुई, लेकिन इसे अंजाम देने वाले अधिकारी सरायढेला थाना के बताए जा रहे हैं। इस कार्रवाई की अगुवाई थाने की प्रभारी नूतन मोदी और दुर्गा नामक महिला एक पुलिस कर्मी और अन्य ने की।
जब परिवार के लोगों ने गिरफ्तारी का कारण पूछा, तो पुलिस ने बताया कि यह पूछताछ के लिए की गई है। लेकिन आधी रात को बिना अरेस्ट वारंट के एक नाबालिग को हिरासत में लेना और उसकी मां को साथ ले जाना कई सवाल खड़े करता है।
बच्चे पर धमकी देने का आरोप, या पैसे वसूलने की कोशिश?
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस का दावा है कि नाबालिग किसी को धमकाने के मामले में संदिग्ध है। लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या यह कार्रवाई कानून के दायरे में की गई, या फिर इसके पीछे किसी मोटी कमाई या झूठे आरोप का खेल है?
गौर करने वाली बात यह है कि जब गिरफ्तारी हुई, तब परिवार का मुखिया घर पर नहीं था। नूतन चौरसिया को हिरासत में लिए जाने के बाद उनके छोटे बच्चे, जो 10 और 15 साल से भी कम उम्र के हैं, घर में अकेले रह गए। यह पुलिस की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठाता है।
क्या धनबाद पुलिस कानून से ऊपर है?
पुलिस का यह रवैया न्यायिक प्रक्रिया और कानून-व्यवस्था के उल्लंघन की ओर इशारा करता है। बिना किसी ठोस कारण और बिना वारंट के रात के अंधेरे में घर में घुसकर गिरफ्तारी करना, परिवार के सदस्यों को मानसिक प्रताड़ना देना और एक नाबालिग को 3 दिन पुलिस कस्टडी में रखा गया रातभर हिरासत में रखना क्या कानूनन सही है?
इस मामले में धनबाद पुलिस की गुंडागर्दी पर स्थानीय लोग, सामाजिक कार्यकर्ता और मीडिया सवाल उठा रहे हैं। अगर पुलिस को किसी पर संदेह था, तो उसे नियमों के तहत समन जारी करना चाहिए था, न कि आधी रात को घर में घुसकर इस तरह कार्रवाई करनी चाहिए थी।
अब क्या होगा?
धनबाद पुलिस इस पर क्या सफाई देती है और क्या यह मामला किसी उच्च स्तरीय जांच तक जाएगा, यह देखने वाली बात होगी। लेकिन एक बात साफ है – इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
स्थानीय संपादक, ई-खबर मीडिया की रिपोर्ट