नई दिल्ली: बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है। ऐसे में सार्वजनिक जगहों पर अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन नहीं रुकेगा। सड़क के बीच धार्मिक निर्माण गलत है। अवैध मंदिर, दरगाह को हटाना होगा। लोगों की सुरक्षा सबसे जरूरी कदम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोई भी शख्स आरोपी या दोषी है यह डेमोलेशन का आधार नहीं हो सकता है। देश भर के लिए इस मामले में गाइडलाइंस जारी होगा। कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुरक्षित रखा। फैसला सुनाए जाने तक बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी।
हम अवैध निर्माण हटाने के खिलाफ नहीं- सुप्रीम कोर्ट
डेमोलेशन मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सर्वोच्च कोर्ट ने इस दौरान कहा कि वह इस केस में दिशा-निर्देश जारी करेंगे। कोई भी शख्स आरोपी या दोषी है यह डेमोलेशन का आधार नहीं हो सकता है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह अवैध निर्माण हटाने के खिलाफ नहीं हैं लेकिन वह इसके लिए गाइडलाइंस जारी करेंगे। हमारा देश धर्म निरपेक्ष है और सभी नागरिकों की रक्षा के लिए निर्देश जारी होगा।
डेमोलिशन को लेकर गाइडलाइंस जारी करेंगे : SC
देश के कई राज्यों में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर जमीयत उलेमा ए हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं, हम सभी नागरिकों के लिए गाइडलाइन जारी करेंगे। अवैध निर्माण हिंदू, मुस्लिम कोई भी कर सकता है। हमारे निर्देश सभी के लिए होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय के हों। सिर्फ सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण को हटाने की ही छूट होगी।
17 सितंबर का अंतरिम आदेश जारी रहेगा- सुप्रीम कोर्ट
जस्टिस गवई ने कहा कि अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक स्ट्रक्चर है चाहे मंदिर हो या दरगाह या फिर गुरुद्वारा, यह सभी के लिए बाधा नहीं बन सकी। सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है। अगर सड़क के बीच में कोई धार्मिक संरचना है, तो बुलडोजर एक्शन हो सकता है। हालांकि, तोड़-फोड़ के लिए समय देना होगा। यही नहीं कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। 17 सितंबर का अंतरिम आदेश जारी रहेगा।
आखिरी विकल्प में ही बुलडोजर ऐक्शन, अवैध निर्माण पर कार्रवाई नहीं रुकेगी…सुप्रीम कोर्ट की दो टूक
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