काली माता के संदेश में ढलती है गायत्री की जीवन गाथा

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धमतरी जिले के कुन्द विकासखंड अंतर्गत रामपुर ग्राम की रहने वाली गायत्री तिवारी, पुत्री श्री मईया लाल तिवारी, इन दिनों आध्यात्मिक मार्ग पर चलते हुए अपने जीवन को मां काली के संदेशों से जोड़ रही हैं। उनका कहना है कि मोबाइल पर आने वाले “महाकाली” और “महादेव” जैसे धार्मिक वीडियो उनके जीवन की सच्ची तस्वीर हैं।

गायत्री तिवारी का जन्म 1 जुलाई 1993 को हुआ था। शीतला पारा, माकन नंबर 12, पोस्ट रामपुर में निवासरत गायत्री के जीवन की राह सामान्य नहीं रही है, लेकिन उन्होंने अपने आत्मबल, श्रद्धा और आध्यात्मिक विश्वास के बल पर हर मुश्किल को मात दी। उनका यह विश्वास है कि एक महिला में अपार शक्ति होती है और वह संसार की हर चुनौती का सामना कर सकती है।

“तुम्हारे आगे कोई नहीं टिक सकता, तेरे अंदर विराट रूप है,”— यह केवल एक पंक्ति नहीं बल्कि गायत्री के जीवन का सार बन चुका है। उनका यह दृढ़ संकल्प आज सैकड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रहा है।

धार्मिक वीडियो और देवी देवताओं के संदेश उनके लिए केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि आत्म-साक्षात्कार और आध्यात्मिक यात्रा का मार्ग बन चुके हैं। गायत्री बताती हैं कि जब भी मोबाइल पर महादेव या महाकाली से जुड़ा कोई संदेश आता है, तो उन्हें ऐसा महसूस होता है मानो यह विशेष रूप से उन्हीं के लिए भेजा गया हो।

स्थानीय लोगों के अनुसार, गायत्री तिवारी अब एक साधारण युवती नहीं रहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण महिला के रूप में पहचानी जा रही हैं। वे महिलाओं को यह संदेश देती हैं कि “एक स्त्री यदि चाहे तो अपने भीतर की शक्ति से पर्वत भी हिला सकती है।”

आज जब समाज में नकारात्मकता और निराशा तेजी से फैल रही है, ऐसे समय में गायत्री जैसी महिलाओं की सोच और आत्मबल समाज को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

 ई खबर संवाददाता

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