मुरादाबाद, 9 जून:
नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नं. 44 (पीतल बस्ती, बल्देवपुरी) की जनता पिछले दो वर्षों से बुनियादी सुविधाओं की आस में बैठी है। सड़कों की हालत बदतर है, नालियों की सफाई न के बराबर है, और आए दिन जलभराव की समस्या से लोग जूझ रहे हैं। बावजूद इसके, क्षेत्रीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता ने जनता को निराश कर दिया है।
स्थानीय नागरिकों ने नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि क्षेत्र की जर्जर सड़कों और नालियों का सीसी टाइल्स से शीघ्र निर्माण कराया जाए। ज्ञापन में कुल आठ प्रमुख मार्गों का उल्लेख है, जिनकी हालत बेहद खराब है। इनमें रामेश्वर होरो पार्ट्स एजेंसी से लेकर हनुमान मंदिर तक के क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
विधायक के विवादित बयान से भड़के लोग
स्थानीय विधायक श्री रितेश कुमार गुप्ता के नाम पर सौंपे गए ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि जब क्षेत्रीय लोगों ने विकास कार्यों की मांग की, तो उन्हें यह कहकर टाल दिया गया कि “आपने हमें वोट नहीं दिया, इसलिए इस क्षेत्र में कोई काम नहीं होगा।” यह बयान न केवल लोकतंत्र की भावना को ठेस पहुंचाता है, बल्कि एक जनप्रतिनिधि के दायित्वों पर भी सवाल खड़े करता है।
प्रशासनिक उपेक्षा से टूट रहा सब्र
क्षेत्रवासियों का कहना है कि वे बीते दो वर्षों से लगातार नगर निगम और अन्य प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है, काम नहीं। गंदगी, टूटी सड़कें, जलभराव और बदहाल नालियां लोगों के लिए रोज़मर्रा की परेशानी बन चुकी हैं।
जनता का सवाल: क्या विकास सिर्फ वोट देने वालों का अधिकार है?
इस पूरे घटनाक्रम ने यह बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या किसी क्षेत्र का विकास इस बात पर निर्भर होना चाहिए कि वहां के लोगों ने किसे वोट दिया? एक जनप्रतिनिधि का कार्य पूरे क्षेत्र की सेवा करना है, न कि केवल अपने समर्थकों की।
जनता ने चेताया: अगर समस्याएं नहीं सुनी गईं तो होगा बड़ा आंदोलन
नाराज़ क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो वे नगर निगम और विधायक कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे।
अब देखना यह है कि क्या प्रशासन और जनप्रतिनिधि जनता की आवाज़ सुनते हैं या यह क्षेत्र इसी उपेक्षा का शिकार बना रहेगा।