गुजरात में मजदूर की संदिग्ध मौत, परिवार ने जताई हत्या की आशंका

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भरतपुर/मोरवी: राजस्थान के भरतपुर जिले की बयाना तहसील के गढ़ी बाजना थाना क्षेत्र के गांव गुर्धा डांग निवासी राजेंद्र (पुत्र मंगल जाटव) मजदूरी के लिए गुजरात के मोरवी जिले की बाकानेर तहसील में गए थे। वे धुआ चौकी क्षेत्र स्थित CLAYART कारखाने में ठेकेदार रामबरन (पुत्र रामवीर गुर्जर) के माध्यम से काम कर रहे थे।

राजेंद्र 13 जनवरी 2025 को कारखाने पहुंचे और पांच दिन तक काम किया। इसके बाद 18 जनवरी को उनके पड़ोसी ईमरतलाल वहां पहुंचे और कुछ दिन साथ काम किया। फिर 26 जनवरी को उनके अन्य पड़ोसी आकाश और संजय भी आ गए, जिन्होंने छह दिन तक काम किया।

फोन कॉल के बाद हुआ विवाद
1 फरवरी 2025 की रात करीब 8:30 बजे राजेंद्र ने अपनी पत्नी सीमा से फोन पर बात की। 30 मिनट की बातचीत के दौरान सीमा ने कहा कि वह गाय को बांधकर वापस कॉल करेगी। जब राजेंद्र ने दोबारा कॉल किया, तो उसने बताया कि पिंटू जाटव (कारबाड़ी रसेरी) और कल्ली गुर्जर (कोडयापुरा) से झगड़ा हो गया है और दोनों ने उसे पीटा व जान से मारने की धमकी दी।

पत्नी सीमा ने उसे किसी से बात न करने और सुबह घर लौटने की सलाह दी। इसके बाद पड़ोसी ईमरतलाल की पत्नी आई और बताया कि राजेंद्र सीढ़ियों से गिर गया है। आकाश ने भी फोन कर यही सूचना दी। जब सीमा ने राजेंद्र को कॉल किया, तो उसका फोन बंद था।

वीडियो कॉल पर दिखा शव, फिर बंद कर दिए गए फोन
कमलेश ने अपने बेटे को फोन कर जानकारी लेने को कहा। आकाश ने पड़ोसी मुकेश के फोन पर वीडियो कॉल की, जिसमें राजेंद्र का आधा शरीर दिखाई दिया। तभी कल्ली गुर्जर ने गाली-गलौज करते हुए कॉल बंद करवा दी और सभी के फोन स्विच ऑफ करा दिए।

बिना परिवार को सूचित किए, राजेंद्र को सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने परिजनों को कोई सूचना नहीं दी और अपनी मर्जी से पोस्टमार्टम करवा दिया।

पुलिस पर दबाव डालने के आरोप
ईमरतलाल और संजय ने थाना प्रभारी अरविंद के सामने बयान दिया कि राजेंद्र शराब पीकर गिर गया था, और दस्तखत कर दिए। इसके बाद शव घर भेज दिया गया, लेकिन परिवार को सूचना नहीं दी गई।

परिवार ने जब गढ़ी बाजना थाने में संपर्क किया, तो पुलिस ने कहा कि यह मामला गुजरात का है, इसलिए वे मदद नहीं कर सकते।

सीसीटीवी फुटेज दिखाने के नाम पर डराया
परिजन 8 फरवरी को गुजरात के बाकानेर थाने पहुंचे, जहां पुलिस ने उन्हें धमकाकर सिर्फ 5-10 सेकंड की फुटेज दिखाई, जिसमें कुछ भी स्पष्ट नहीं था। 17 फरवरी को मृतक की पत्नी सीमा और उसका भाई आकाश फिर से थाने पहुंचे, लेकिन पुलिस ने उन्हें डराने की कोशिश की।

जब सीमा ने अपने पति की हत्या की आशंका जताई और वास्तविक सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो पुलिस ने उन्हें कारखाने ले जाकर असली फुटेज दिखाई, जिसमें लड़ाई-झगड़े का साफ सबूत था। बावजूद इसके, थाना प्रभारी अरविंद और अन्य पुलिसकर्मियों ने सीमा और आकाश से जबरन यह बयान लिखवा लिया कि राजेंद्र शराब पीकर गिर गया था।

न्याय के लिए कोर्ट जाने की सलाह
पुलिस ने परिजनों को धमकाते हुए कहा कि अब वे जहां चाहें जा सकते हैं, यहां तक कि कोर्ट जाने को भी कहा, लेकिन कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की।

परिवार का आरोप है कि राजेंद्र की हत्या पिंटू जाटव और कल्ली गुर्जर ने की, लेकिन पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है। मृतक की पत्नी सीमा न्याय के लिए संघर्ष कर रही है।

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