वासेपुर में जूस विवाद से शुरू हुई मारपीट, किडनैपिंग और गैंग की धमकी का मामला, थाने में भी नहीं हो रही सुनवाई

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धनबाद/वासेपुर, 11 अगस्त 2025
धनबाद के वासेपुर इलाके से एक बेहद गंभीर मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता सबा फातिमा (पति – जुम्मन कुरैशी उर्फ़ असगर अली कुरैशी) ने आरोप लगाया है कि उनके पति को इलाके के दबंगों ने पहले घर से खींचकर बाहर मारा-पीटा, फिर कई दिनों तक किडनैप करके रखा और अंततः पुलिस की मिलीभगत से जेल भेज दिया गया।

घटना की शुरुआत 3 अगस्त 2025 शाम 8 बजे हुई, जब जुम्मन कुरैशी अपने बीमार बेटे के लिए पास की फल की दुकान से जूस लेने गए। आरोप है कि वहां मौजूद छोटू राजा, वसीम परवेज और अन्य कुछ अज्ञात लोगों ने उन्हें खराब जूस दिया। जुम्मन ने जूस की क्वालिटी पर आपत्ति जताई और कहा कि वह अपने बच्चे को यह जूस नहीं पिला सकते। इस पर दुकानदार और उसके साथियों ने धमकी दी –
“अगर यहां रहना है तो ऐसा ही जूस लेना पड़ेगा।”

मामला इतना बढ़ गया कि आरोपियों ने घर में मौजूद तीन महिलाओं के सामने ही जुम्मन कुरैशी को खींचकर बाहर निकाला और बेरहमी से पीटा। इसके बाद, आरोप है कि 3 अगस्त से 11 अगस्त तक उन्हें किडनैप करके रखा गया।

सबा फातिमा के अनुसार, जब उन्होंने थाना जाकर लिखित शिकायत दर्ज करानी चाही तो पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी और न ही एफआईआर दर्ज की। 12 अगस्त को जब उन्हें अपने पति की पिटाई का एक वीडियो हाथ लगा और वह सबूत लेकर थाना पहुंचीं, तब भी कोई सुनवाई नहीं हुई। उल्टा, आरोपियों ने कथित रूप से थाने में पैसे देकर उनके पति को ही जेल भिजवा दिया।

सबा फातिमा ने बताया –
“मेरा पति 4 अगस्त से लापता था और 11 अगस्त को विनोद बिहारी चौक और फिर व्यापार रोड पर उन्हें बुरी तरह पीटा गया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि छोटू राजा और वसीम परवेज समेत करीब 10-20 लोग मारपीट कर रहे हैं। यह सब वसीम खान गैंग का हिस्सा हैं, जो इलाके में दहशत फैलाता है, महिलाओं को भी परेशान करता है और पैसे लेकर फर्जी मामलों में फँसाता है।”

इस घटना के बाद से पीड़ित परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। सबा फातिमा का कहना है कि उनका बच्चा बीमार है, घर में कमाने वाला सिर्फ पति ही था और अब उसकी हालत गंभीर है।

इलाके में तनाव का माहौल
वासेपुर क्षेत्र में वसीम खान गैंग के नाम से स्थानीय लोग पहले से ही दहशत में रहते हैं। अब इस घटना के बाद इलाके में तनाव और भय का माहौल है।

प्रशासन पर सवाल
पुलिस पर इस पूरे मामले में पक्षपात और मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं। शिकायतकर्ता का कहना है कि जब वीडियो सबूत तक के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई और पीड़ित को ही जेल भेज दिया गया, तो आम जनता न्याय की उम्मीद कैसे करे?

अब पीड़ित परिवार ने प्रशासन, उच्चाधिकारियों और सरकार से न्याय की गुहार लगाई है।

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