हरदोई, उत्तर प्रदेश – जिला हरदोई के टोन्डरपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम लोना, पोस्ट चाना, थाना मझिला ,परगना अलमनगर के निवासी वेदपाल पुत्र हीरालाल एक साल से लगातार प्रशासनिक दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने कई बार एसडीएम कार्यालय, ब्लॉक मुख्यालय और थाना मझिला में आवेदन दिया, लेकिन नतीजा अब तक शून्य है। समस्या है – भीषण जलभराव, जिसने वेदपाल के घर को रहने लायक तक नहीं छोड़ा।
पानी-पानी हुआ घर, सुविधाओं का अभाव
वेदपाल ने बताया कि घर के अंदर तक पानी घुस गया है, जिससे जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। वर्षा या जलजमाव के मौसम में यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। बच्चों को पढ़ाई में बाधा आ रही है, क्योंकि न केवल स्कूल तक पहुंचना कठिन हो गया है, बल्कि घर के भीतर भी पढ़ाई के लिए उचित माहौल नहीं रह गया है।
रसोई, शौचालय, सोने की जगह – हर कोना पानी से प्रभावित है। साफ-सफाई और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं भी इस जलभराव के कारण बाधित हो चुकी हैं। स्थिति यह है कि रोज़मर्रा के काम भी कठिन हो गए हैं, और बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
प्रशासनिक अनदेखी: आवेदनों के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
वेदपाल का कहना है कि उन्होंने लगातार आवेदन देकर समस्या से प्रशासन को अवगत कराया है। एसडीएम, लेखपाल, ग्राम सचिव से लेकर ब्लॉक कार्यालय तक उन्होंने गुहार लगाई, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ आश्वासन दिए गए – “देखते हैं”, “जल्द समाधान होगा”, “मामला संज्ञान में है” – लेकिन ज़मीनी स्तर पर कुछ नहीं बदला।
गांव के अन्य लोग भी प्रभावित
गांव लोना की यह समस्या सिर्फ वेदपाल की नहीं है, बल्कि गांव के अन्य कई परिवार भी जलनिकासी की इसी समस्या से जूझ रहे हैं। नाली की कोई व्यवस्था नहीं है और जो पुरानी व्यवस्था थी, वह जर्जर होकर बंद हो चुकी है। तालाब या पानी के बहाव की कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं है।
क्या चाहते हैं वेदपाल और गांववासी?
1. जलभराव से स्थायी निजात दिलाई जाए।
2. जल निकासी के लिए उचित ड्रेनेज सिस्टम तैयार किया जाए।
3. गांव में बुनियादी सुविधाएं – साफ पानी, सड़क, सफाई – बहाल की जाएं।
4. प्रशासन द्वारा समस्या का स्थलीय निरीक्षण कर त्वरित राहत दी जाए।
5. गांव के बच्चों की शिक्षा पर हो रहे असर को देखते हुए स्कूल तक सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित किया जाए।
निष्कर्ष: अब चुप रहना संभव नहीं
एक वर्ष से लगातार प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे वेदपाल और उनके गांववासियों की पीड़ा अब सबके सामने है। यह सिर्फ एक घर या परिवार की समस्या नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र के विकास और जीवन स्तर से जुड़ा सवाल है। प्रशासन को अब जिम्मेदारी लेनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए, जिससे लोना गांव के लोग भी एक सामान्य, सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी सकें।