छत्तीसगढ़ के रहने बाली माईथ्रिन जब 35 साल बाद अपने परिवार से मिली तो भावुक हो उठी. परिवार 35 साल तक यही समझते रहे कि उनकी बहन इस दुनिया में नहीं हैं. उनकी मौत हो चुकी है. लेकिन जब उन्हें पता चला कि उनकी बहन अभी भी जिंदा हैं तो वह हैरान रह गए. मां बाप के मरने के बाद माईथ्रिन की बहन ने हार नही मानी, बहन मिली तो गले लग गई. अब वो अपने परिवार से मिलकर बेहद खुश हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता श्री विद्याकर के कार्य की हो रही है सराहना
देवरी की रहने वाली महिला को उद्वुम करंगल ने श्रीनिवास राव जो कि कार्यक्रम सामाजिक कार्यकर्ता है और लापता परिवारों का पता लगाने की एक विशेषज्ञ भी है उन्होंने माईथ्रिन के परिवार का पता लगाने का काम किया और फोटो फेसबुक पर पोस्ट की उसके बाद उसकी पहचान उसके जीजा ने की और इसकी पुष्टि रायगढ़ जिले के देवरी गांव के रहने वाली उसकी बहन गुरुवारी ने की है।
कुछ दिन पूर्व करंगल में मैथिली को उनके परिवार मिला और दोनों बहनों ने माईथ्रीन के फिर से मिलने के लिए और उदावुम करांगल एन जी ओ के संस्थापक श्री विद्याकर को धन्यवाद दिया, साथ ही साथ विद्याधर जी के प्रयासों की बहुत सराहना की। माईथ्रीन के लिए समाज सेवी संगठन ने उनके परिवार को एक माह की मनोरोग दवा और भविष्य में किसी भी तरह की चिकित्सा सहायता के लिए सहयोग की बात कही।