नवरात्रि के अवसर पर एक भक्त ने देवी कनक दुर्गम्मा को हीरे और सोने का मुकुट भेंट किया है। आज से ही इस मुकुट को देवी मां को पहनाया गया है। देखते में ही मुकुट बेहद सुंदर लग रहा है।
विजयवाड़ाः शरदीय नवरात्रि के पहले दिन मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में प्रसिद्ध कनक दुर्गा मंदिर में श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई है। इस बीच मां दुर्गा के एक भक्त ने देवी कनक दुर्गा को एक सोने का मुकुट भेंट किया है। नये मुकुट की कीमत 2.5 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह मुकुट सोने और हीरों से बना है। इसके डिजाइन मनमोहक हैं।
देवी मां को पहनाया गया हीरे और सोने से जड़ा मुकुट
जानकारी के अनुसार, देवी मां कनक दुर्गा को सोने और हीरे से जड़े नए मुकुट को पहनाया गया है। यह मुकुट देखने में बहुत ही सुंदर लग रहा है। चमकदार हीरे और सोने के मुकुट से सुशोभित देवी दुर्गा को बाला त्रिपुर सुंदरी देवी के रूप में पूजा की जाएगी। मंदिर प्रशासन ने भक्त का नाम गुमनाम रखा है। माना जाता है कि भक्त ने कोई मनोकामना पूरी होने के बाद यह मुकुट चढ़ाया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इस संबंध में ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है।
इंद्रकीलाद्री पहाड़ी पर स्थित है मंदिर
बता दें कि कनक दुर्गा मंदिर को आधिकारिक तौर पर श्री दुर्गा मल्लेश्वर स्वामीवरला देवस्थानम के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में मौजूद देवी को कनक दुर्गा के नाम से पुकारा जाता है। यह मंदिर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में कृष्णा नदी के तट पर इंद्रकीलाद्री पहाड़ी पर स्थित है। यहां पर हमेशा श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी रहती है। नवरात्रि के दौरान लोगों की भीड़ और बढ़ जाती है।
महिषासुर का किया था वध
किंवदंती के अनुसार,जब धरती पर राक्षसों का आतंक बढ़ गया तो ऋषि इंद्रकीला ने कठोर तपस्या की। ऋषि के तप से मां देवी प्रकट हुई तो उन्होंने अपने सिर पर निवास करने और दुष्ट राक्षसों की निगरानी कर पापियों का संहार करने का वर मांगा। ऋषि की इच्छा के अनुसार मां कनक दुर्गा ने इंद्रकीला को अपना स्थायी निवास बना लिया और राक्षसों का संहार किया। कहा जाता है कि मां कनक दुर्गा ने बाद में राक्षसों के राजा महिषासुर का भी वध किया। बता दें कि प्रसिद्ध कनक दुर्गा मंदिर में हर रोज भारी संख्या में लोग मां कनक दुर्गा का दर्शन करने आते हैं। नवरात्रि के दौरान यहां पर भारी भीड़ रहती है।