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सेहतनामा- आलिया भट्ट को 6 घंटे तक यूरिन रोकनी पड़ी:पेशाब रोकने से बढ़ता यूटीआई, किडनी स्टोन्स का रिस्क, बता रहे यूरोलॉजिस्ट

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बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट ‘द ग्रेट इंडियन कपिल शो’ के दूसरे सीजन में अपनी फिल्म ‘जिगरा’ के प्रमोशन के लिए आई थीं। वहां उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले पेरिस फैशन वीक में उन्हें 6 घंटे तक यूरिन रोककर रखनी पड़ी। असल में उन्होंने इस दौरान एक साड़ी पहनी थी, जो 23 फीट लंबी थी। इसे पहनकर वह वॉशरूम नहीं जा सकती थीं।

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई 6 घंटे तक यूरिन रोककर रखता है तो इसके क्या परिणाम हो सकते हैं? क्या इससे सेहत को कोई नुकसान हो सकता है?

आमतौर पर डॉक्टर्स लगभग हर तीन घंटे में एक बार यूरिन रिलीज करने की सलाह देते हैं, लेकिन कई बार ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं कि यूरिन रोककर रखना हमारी मजबूरी हो जाती है। नेताओं, एथलीट्स और कॉन्सर्ट में लाइव परफॉर्मेंस देने वाले एक्टर्स और सिंगर्स को अक्सर कई घंटों के लिए य़ूरिन रोककर रखना पड़ता है।

हमारे देश में यह एक गंभीर समस्या है। पुरुष तो राह चलते गाड़ी रोककर कहीं भी यूरिन पास कर लेते हैं, जबकि महिलाओं को कई बार अपने ही घर में यूरिन रोककर रखना पड़ता है। अगर घर पर मेहमान आए हैं और वॉशरूम का रास्ता उनके सामने से होकर जाता है तो महिलाएं संकोच के कारण कई घंटे तक वॉशरूम इस्तेमाल नहीं कर पाती हैं। यह संकोच उनका खुद का बनाया नहीं है, अगर वो इस बीच वॉशरूम चली जाएं तो निर्लज्जता का टैग मुफ्त में मिल जाएगा। यह बात सिर्फ गप्प नहीं है, मैंने खुद अपने घर में मम्मी और दीदी के बीच इस संकोच को देखा है। इसके कारण उन्हें यूटीआई इन्फेक्शन और किडनी स्टोन्स की समस्याएं भी हुईं।

इसलिए आज ‘सेहतनामा’ में आपको बताएंगे कि कोई कितनी देर तक यूरिन रोक सकता है। साथ ही जानेंगे कि-

क्या उम्र के साथ यूरिनरी ब्लैडर का आकार बदलता है?
ज्यादा देर तक यूरिन रोकने के क्या खतरे हैं?
क्या ज्यादा देर यूरिन रोकने से मौत हो सकती है?
स्वस्थ रहने के लिए कितनी देर में यूरिन पास करना जरूरी है

ज्यादातर लोग हर 24 घंटे में 6-7 बार यूरिन पास करते हैं। अगर कोई व्यक्ति दिन में 4 से 10 बार यूरिन पास कर रहा है और उसकी जिंदगी इससे प्रभावित नहीं हो रही है तो इसे हेल्दी माना जा सकता है। डॉक्टर एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति को लगभग हर 3 घंटे में एक बार यूरिन पास करने की सलाह देते हैं। यह फ्रीक्वेंसी उम्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकती है क्योंकि उम्र के हिसाब से यूरिनरी ब्लैडर का आकार भी बदलता है। यह इस पर भी निर्भर करता है कि कोई दिन भर में कितनी मात्रा में लिक्विड कंज्यूम कर रहा है।
इसका मतलब है कि एक स्वस्थ वयस्क व्यक्ति ब्लैडर में 300-400 मिलीलीटर लिक्विड स्टोर कर सकता है। जरूरत पड़ने पर इसका आकार बढ़ भी जाता है, लेकिन उसके कारण दर्द, असुविधा और इन्फेक्शन का सामना करना पड़ता है।

आमतौर पर जब हमारा ब्लैडर आधे से थोड़ा अधिक भर जाता है तो यह हमें यूरिन रिलीज करने के लिए इशारा करने लगता है। यह नेचुरल कॉल है। इसलिए हम जितनी बार ब्लैडर के इस इशारे को इग्नोर करते हैं, खुद को उतना ही समस्याओं के नजदीक ले जाते हैं।

ज्यादा देर तक यूरिन रोककर रखने से क्या समस्याएं हो सकती हैं

आमतौर पर अगर एक स्वस्थ व्यक्ति कभी-कभार कुछ घंटों के लिए यूरिन को रोक रहा है तो इससे कोई समस्या नहीं होती है।
अगर पहले से यूरिनरी ट्रैक्ट, ब्लैडर या किडनी में कोई शिकायत है तो समस्या बढ़ सकती है।
अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति अक्सर यूरिन रोककर रखता है तो उसे कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
दर्द और असहजता होती है

अगर कोई नियमित रूप से या अक्सर पेशाब करने की इच्छा को देर तक नजरअंदाज करता रहता है तो उसे यूरिनरी ब्लैडर या किडनी में दर्द हो सकता है। अजीब असहजता वाली स्थिति बन सकती है। यूरिन रिलीज करने में भी दर्द हो सकता है। इसके बाद भी कई बार मसल्स में सिकुड़न रह जाती है, जिससे पेल्विक एरिया में ऐंठन हो सकती है।

यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन हो सकता है

कई बार बहुत देर तक पेशाब रोककर रखने से बैक्टीरिया पनप सकते हैं। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट में इन्फेक्शन (UTI) हो सकता है।

यही कारण है कि डॉक्टर लंबे समय तक पेशाब रोकने से बचने की सलाह देते हैं क्योंकि इससे यूटीआई का खतरा बढ़ सकता है। उन लोगों को इसका खतरा और अधिक होता हैै, जिन्हें पहले कभी यूटीआई की समस्या हुई है।

अगर कोई पर्याप्त मात्रा में पानी और अन्य लिक्विड्स नहीं पी रहा है तो उसे भी यूटीआई विकसित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिक्विड्स के बिना पेशाब करने की इच्छा नहीं पैदा होगी। इससे यूरिनरी ट्रैक्ट में बैक्टीरिया फैल सकते हैं और संक्रमण हो सकता है।
यूरिनरी ब्लैडर में खिंचाव हो सकता है

अगर कोई शख्स नियमित रूप से कई दिन तक बार-बार पेशाब रोक रहा है तो यूरिनरी ब्लैडर में खिंचाव हो सकता है। इससे ब्लैडर की प्राकृतिक रूप से विस्तार करने और सिकुड़ने की क्षमता कमजोर हो जाएगी, जिसके चलते यूरिन रिलीज करने में समस्या होगी या कई बार यह असंभव भी हो सकता है।

अगर किसी व्यक्ति का ब्लैडर खिंचाव आने से बहुत फैल गया है तो उसे आराम देने के लिए कैथेटर यानी कृत्रिम पेशाब नली (यूरिन पाइप) की जरूरत हो सकती है।

पेल्विक मसल्स डैमेज हो सकती हैं

बार-बार पेशाब रोकने से पेल्विक क्षेत्र की मांसपेशियों को नुकसान हो सकता है। इनमें से कुछ मसल्स का काम है यूरिन को रोककर रखना। अगर यह डैमेज होती हैं तो यूरिन थोड़ी देर रोककर रख पाना मुश्किल हो जाएगा।

कीगल्स एक्सरसाइज करके पेल्विक फ्लोर की इन मसल्स को मजबूत किया जा सकता है।
इससे मसल्स को हुए इस नुकसान की मरम्मत करने में मदद मिल सकती है।
किडनी स्टोन हो सकते हैं

नियमित रूप से ज्यादा देर तक यूरिन को रोकने से उन लोगों को किडनी स्टोन्स हो सकते हैं, जिन्हें कभी स्टोन्स रहे हैं या जिनके यूरिन में मिनरल्स की मात्रा अधिक है। यूरिन में अक्सर यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्जेलेट जैसे मिनरल्स होते हैं।

क्या ज्यादा देर तक यूरिन रोकने से मौत हो सकती है

आमतौर पर यूरिन रोकने से मृत्यु की आशंका न के बराबर होती है, लेकिन इससे कारण हुए इन्फेक्शन को नहीं रोका गया तो ये मौत का कारण बन सकते हैं।
अगर कोई बहुत लंबे समय तक पेशाब रोककर रखता है तो क्षमता पार होने पर शरीर खुद ही ब्लैडर से अपना कंट्रोल खत्म कर देता है। इससे न चाहते हुए भी यूरिन पास हो जाता है।
कुछ रेयर मामलों में ऐसा भी हो सकता है कि ज्यादा देर तक यूरिन रोककर रखने के कारण ब्लैडर पर दबाव बढ़े और यह फट जाए। ऐसी कंडीशन में तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है। यह घातक स्थिति होती है।
इसलिए समय पर पानी पीना जितना जरूरी है, यूरिन को भी समय पर रिलीज करना उतना ही जरूरी है।

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