बलरामपुर, उत्तर प्रदेश।
एक मोबाइल की छोटी-सी दुकान, सीमित पढ़ाई, गांव की गलियों में छिपा सपना—लेकिन आज यह सपना हकीकत बन चुका है। ग्राम भंवरिया (मनिकापुर) के रहने वाले मोहम्मद शाकिर खान ने वो कर दिखाया है जो लाखों युवा सिर्फ सोचते रह जाते हैं!
महज 27 साल की उम्र में, शाकिर खान यूट्यूब की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बनते जा रहे हैं।
वह बहुत अच्छे सिंगर और गाना लिखते हैं। छह साल पहले जिस सफर की शुरुआत एक साधारण कैमरे और मोबाइल से हुई थी, वह आज 500 से ज्यादा सब्सक्राइबर और हजारों दर्शकों तक पहुंच चुकी है। और ये तो बस शुरुआत है!
गांव-गली से वायरल वीडियो तक!
शाकिर की सॉन्ग लोगों के दिलों को छू जाते हैं। गांव के बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक उनके फैन हैं!
मोबाइल रिपेयर से मीडिया स्टार बनने का सफर
क्या आप यकीन करेंगे कि ये वही शख्स हैं जो आज भी गांव में मोबाइल की दुकान चलाते हैं? दिन में मोबाइल रिपेयरिंग और रात को यूट्यूब के लिए शूटिंग—शाकिर की मेहनत और जुनून ने उन्हें गांव का सुपरस्टार बना दिया है।
“मैं बनना चाहता हूं पवन सिंह जैसा क्रिएटर!”
जी हां, शाकिर की प्रेरणा हैं भोजपुरी सिनेमा के मेगास्टार और सोशल मीडिया आइकन पवन सिंह। उनका सपना है कि एक दिन उनके वीडियो भी करोड़ों लोगों तक पहुंचे और वे भी सोशल मीडिया की सिंगिंग दुनिया में धमाका कर दें।
न पढ़ाई रोका, न पैसे—सिर्फ जुनून था जो लेकर चला गया आगे!
शाकिर ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं, लेकिन गाने का स्टाइल और आवाज गजब का जादू है। उनके पास न बड़ा कैमरा है, न महंगे गैजेट—फिर भी उनके वीडियो हिट हो रहे हैं। यही तो है असली टैलेंट!
सरकार और बड़े प्लेटफॉर्म्स से सवाल
जब गांव का एक युवा बिना किसी सपोर्ट के इतना कर सकता है, तो सोचिए अगर उसे सरकारी सहयोग, प्रशिक्षण या मंच मिल जाए तो क्या वो अगला डिजिटल स्टार नहीं बन सकता?
शाकिर खान की कहानी बताती है — टैलेंट किसी सर्टिफिकेट का मोहताज नहीं होता, और सपने गांव की गलियों से भी आसमान तक पहुंच सकते हैं!
स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट