अररिया जिले के मिल चौक बसेटी गांव की रहने वाली 10 वर्षीय मनीषा कुमारी इन दिनों सोशल मीडिया के ज़रिए अपनी अलग पहचान बनाने में जुटी हैं। बेहद साधारण किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाली मनीषा के सामने संसाधनों की कमी और आर्थिक तंगी जैसी कई चुनौतियां हैं, लेकिन उनका हौसला, मेहनत और आत्मविश्वास उन्हें “सोशल मीडिया क्वीन” की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।
मनीषा के पिता दिलीप रसीदे और माता बुधनी देवी खेतों में मेहनत कर परिवार चलाते हैं। साल 2023 में मनीषा ने फेसबुक पर शौकिया तौर पर वीडियो बनाना शुरू किया था। लेकिन धीरे-धीरे यह शौक उनका जुनून बन गया। वह “मनीषा कुमारी ” नामक फेसबुक हैंडल से रील्स और वीडियो अपलोड करती हैं, जिनमें उनके आत्मविश्वास, जज्बे और रचनात्मकता की झलक साफ़ देखी जा सकती है। अब वह इंस्टाग्राम पर भी सक्रिय हैं और अपनी कला को एक नए मुकाम तक पहुंचाने में लगी हुई हैं।
पिता और परिवार बना ताकत
मनीषा बताती हैं कि इस सफर में उनके पिता दिलीप रसीदे और पूरा परिवार हर कदम पर उनके साथ खड़ा रहा है। पिता का सहयोग और दर्शकों का प्यार ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वह चाहती हैं कि उनके वीडियो को ज्यादा से ज्यादा लोग देखें, लाइक करें और शेयर करें ताकि वह अपने परिवार को बेहतर जीवन दे सकें।
बदलाव की एक उम्मीद
मनीषा सोशल मीडिया को केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं, बल्कि बदलाव का एक सशक्त जरिया मानती हैं। उनका मानना है कि गांव की लड़कियां भी अगर सही दिशा में मेहनत करें तो किसी भी मंच पर अपनी पहचान बना सकती हैं। वह समाज के उस तबके की आवाज बनना चाहती हैं, जिनके पास सीमित संसाधन हैं लेकिन सपने बड़े हैं।
युवाओं के लिए प्रेरणा
मनीषा की कहानी केवल उनके संघर्ष की नहीं, बल्कि उन लाखों युवाओं की आवाज है जो कठिन परिस्थितियों से लड़ते हुए कुछ बड़ा करने का सपना देखते हैं। वह कहती हैं, “अगर सपने देखने की हिम्मत और उन्हें पूरा करने की लगन हो, तो कोई भी मुश्किल बड़ी नहीं होती।”
एक अपील, एक उम्मीद
मनीषा ने सभी से अपील की है कि वह उनके प्रयासों को समर्थन दें और सोशल मीडिया के ज़रिए उनके चैनल को आगे बढ़ाएं, ताकि वह अपने परिवार के साथ-साथ समाज के अन्य जरूरतमंदों के लिए भी प्रेरणा बन सकें।
“मेरी कोशिश है कि मैं अपने गांव के बच्चों को ये दिखा सकूं कि अगर आपके अंदर जज्बा है, तो आप हर मंच पर अपनी पहचान बना सकते हैं।” — मनीषा कुमारी