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सनसनीखेज वारदात: गांव में पुरानी रंजिश के चलते युवक का हाथ काटा, फिर रेलवे पटरी पर मरने के लिए फेंका

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जौनपुर (बक्शा)।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। बक्शा थाना क्षेत्र के बेलापार गांव में पुरानी रंजिश के चलते दबंगों ने एक 21 वर्षीय युवक संतोष निषाद का बेरहमी से दाहिना हाथ काट दिया और फिर उसे मरा समझकर रेलवे पटरी पर फेंक कर फरार हो गए। चमत्कारिक रूप से युवक को समय रहते होश आ गया और वह किसी तरह अपना कटा हुआ हाथ लेकर घर पहुंचा। गंभीर हालत में उसे बीएचयू ट्रॉमा सेंटर वाराणसी में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

शादी में हुई कहासुनी, रात को रची गई साजिश
घटना 9 जून की रात की है। गांव के संजय बिंद की बेटी की शादी में गांव के कुछ बच्चों के बीच हल्की कहासुनी हो गई थी। बात तो वहीं शांत हो गई, लेकिन इसी बात की रंजिश में रात करीब डेढ़ बजे संतोष को फोन कर गांव के ही कुछ युवकों ने रेलवे पटरी के पार बुलाया।

पीड़ित परिवार के मुताबिक, पहले से घात लगाए बैठे हरिश्चंद्र पुत्र संजय, लालचंद्र, सूरज पुत्रगण प्रकाश, रामचंद्र निषाद और रमेश निषाद ने संतोष को नशीली दवा (संभावित रूप से गॉर्डिनल) पिलाई, फिर उसे बुरी तरह पीटा और धारदार हथियार से उसका दाहिना हाथ काट दिया। इसके बाद आरोपियों ने उसे रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया और मौके से फरार हो गए।

कटा हाथ लेकर घर लौटा युवक
गंभीर रूप से घायल संतोष को होश आया तो उसने देखा कि उसका हाथ कटा पड़ा है। उसने किसी तरह खुद को संभाला और वही कटा हुआ हाथ लेकर घर पहुंचा। परिजनों को जब इसकी जानकारी मिली तो पूरे गांव में हड़कंप मच गया। परिवार वालों ने आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से हालत गंभीर देख उसे वाराणसी बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया गया।

पुलिस पर गंभीर आरोप, अब तक नहीं हुई गिरफ्तारी
घटना के अगले दिन यानी 10 जून को परिजन बक्शा थाने पहुंचे और नामजद तहरीर देकर एफआईआर दर्ज कराई। लेकिन परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। आरोपी खुलेआम गांव में घूम रहे हैं और पीड़ित परिवार को धमकियां दे रहे हैं कि अगर किसी से शिकायत की तो जान से मार देंगे।

अनाथ भाई, अकेला सहारा
गंभीर रूप से घायल संतोष के माता-पिता का पहले ही देहांत हो चुका है। उसका एकमात्र सहारा उसका छोटा भाई रोहित है, जो खुद भी सदमे में है। पीड़ित परिवार की आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर है और अब इस जघन्य वारदात ने उन्हें पूरी तरह तोड़ कर रख दिया है।

प्रशासन से मदद की गुहार
संतोष की बड़ी माता शिमला देवी ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और संतोष के इलाज व सुरक्षा की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि अब उन्हें सरकार से न्याय और सहारा दोनों की दरकार है।

सवालों के घेरे में पुलिस
इस मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। क्या स्थानीय दबाव में पुलिस मामले को दबा रही है? आखिर क्यों अब तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया? पीड़ित परिवार को आखिर कब मिलेगा इंसाफ?

यह घटना न सिर्फ बेलापार गांव या बक्शा थाना क्षेत्र, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश को झकझोरने वाली है। अब देखना यह होगा कि क्या प्रशासन इस बेरहम वारदात पर कोई सख्त कदम उठाता है या यह भी एक फाइल बनकर दबा दी जाएगी।

स्थानीय संवाददाता ई खबर मीडिया की रिपोर्ट

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