दहेज की भूख ने फिर ली एक बेटी की जान, गोपालगंज में विवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत, ससुराल पक्ष फरार

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गोपालगंज।
दहेज की कुप्रथा ने एक और परिवार को गहरे मातम में डुबो दिया। सिधवलिया थाना क्षेत्र के बलरा गांव में 5 जून 2025 शुक्रवार की देर शाम 26 वर्षीय बसंती देवी की लाश संदिग्ध हालत में घर के अंदर खाट पर पड़ी मिली। मृतका के मायके वालों को कहना है कि उसका गला रस्सी से घोटकर उसे मार डाला गया है।

बसंती देवी की शादी 26 फरवरी 2020 को संतोष प्रसाद से हिंदू रीति-रिवाज से हुई थी। मायके वालों ने विवाह में एक लाख रुपये नकद और डेढ़ लाख रुपये के सामान उपहार स्वरूप दिए थे। लेकिन यह सब ससुराल वालों के लालच को खत्म नहीं कर सका। शादी के कुछ ही महीनों बाद पति संतोष प्रसाद, देवर इन्द्रजीत प्रसाद और अन्य परिवारजन मोटरसाइकिल की मांग करने लगे।

परिजनों के मुताबिक, मांग पूरी नहीं होने पर बसंती को आये दिन मारपीट कर प्रताड़ित किया जाता था। मृतका की बहन माया देवी ने बताया कि घटना के कुछ घंटे पहले ही बसंती ने उन्हें फोन कर रोते हुए कहा था– “दीदी, ये लोग बहुत परेशान कर रहे हैं… झगड़ा कर रहे है…”। इसके बाद शाम करीब साढ़े सात बजे यह दुखद खबर मिली कि बसंती की मौत हो गई है।

सूचना पाकर मायके वाले बलरा गांव पहुंचे तो देखा कि शव को आनन-फानन में जलाने की तैयारी की जा रही थी। इस बीच मृतका के भाई विवेकानन्द कुशवाहा, जो रोजी-रोटी के लिए गुजरात में रहते हैं, वहां से लौटे और सिधवलिया थाने में लिखित आवेदन देकर हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराई।

एफआईआर में मृतका के पति संतोष प्रसाद, ससुर बनारस प्रसाद, सास पासपति देवी, देवरानी सविता देवी पत्नी इन्द्रजीत प्रसाद एवं
भसुर लालमुनि पत्नी ईश्वर प्रसाद समेत कुल सात लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है।
आपको बता दें सविता देवी और लाल मुनी दोनों सगी बहनें हैं, जिन्होंने मृतिका बसंती देवी की जान ले ली, शिकायत में कहा गया है कि सभी ने मिलकर बसंती की हत्या की और साक्ष्य मिटाने के लिए रात के अंधेरे में चुपचाप अंतिम संस्कार कराने की कोशिश की।

सिधवलिया थानाध्यक्ष धीरज कुमार ने बताया कि प्रथम दृष्टया मामला हत्या का प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम के लिए शव को गोपालगंज सदर अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने बलरा गांव में छापेमारी की, लेकिन आरोपी घर छोड़कर फरार हो गए।

मृतका के भाई विवेकानन्द कुशवाहा ने बताया कि कई बार पंचायत और समझाइश के बावजूद ससुराल वालों की प्रताड़ना रुकी नहीं। हर बार नई मांग रखी जाती और इंकार करने पर बहन को मानसिक व शारीरिक रूप से यातनाएं दी जाती थीं।

शुक्रवार 5 जून 2025 की देर शाम घटना हुई लेकिन एक महीने के बाद भी मृतका के परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं सौंपी गई है। परिजन आरोप लगा रहे हैं कि पुलिस जांच को कमजोर करने की कोशिश कर रही है और उल्टे उन पर केस खत्म करने का दबाव बनाया जा रहा है। परिजनों ने कहा कि अगर दोषियों की जल्द गिरफ्तारी नहीं हुई तो वे जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष धरना देंगे।

स्थानीय लोगों का कहना है कि ससुराल पक्ष की दबंगई और पुलिस की सुस्ती के चलते पीड़ित परिवार न्याय से वंचित हो रहा है। वहीं, थानाध्यक्ष ने आश्वासन दिया है कि फरार अभियुक्तों की तलाश जारी है और किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

गौरतलब है कि इस थाना क्षेत्र और इस गांव के आसपास के गांवों में अक्सर कहीं बहनों, बेटियों को दहेज का शिकार बनाया जाता रहा है, उनका गला घोटा गया है और जिसे गांव वाले बचाव करते हुए साधारण मामला बनाकर दबा देते हैं।

इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। एक बार फिर समाज के सामने सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर कब तक बेटियां दहेज की आग में यूं ही जलती रहेंगी?

स्थानीय संवाददाता देश आज की रिपोर्ट

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