Home National संघर्ष की मिसाल: सविता चौहान का जज्बा नहीं रोक पाया विरोध

संघर्ष की मिसाल: सविता चौहान का जज्बा नहीं रोक पाया विरोध

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बरुण की सविता चौहान ने संघर्ष से बनाई अपनी नई पहचान

औरंगाबाद जिले के बरुण थाना क्षेत्र की रहने वाली सविता चौहान (27 वर्ष) अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन संघर्ष कर रही हैं। वह भोजपुरी गानों पर वीडियो बनाकर अपनी अलग पहचान बनाना चाहती हैं। पिछले तीन सालों से वह लगातार वीडियो बना रही थीं, जिससे उनके करीब 11,000 फॉलोअर्स हो चुके थे। लेकिन उनके पति आलोक चौहान उनके इस काम के खिलाफ थे और उन्होंने सविता का समर्थन करने की बजाय उनका फोन फॉर्मेट कर दिया, जिससे उनकी सारी मेहनत बर्बाद हो गई।

*रुकावटों के बावजूद नहीं छोड़ा सपना*
हालांकि, इस घटना के बावजूद सविता ने हार नहीं मानी और 1 जनवरी से अपनी नई आईडी बनाकर फिर से वीडियो बनाना शुरू कर दिया। वह पहले से भी ज्यादा मेहनत कर रही हैं और चाहती हैं कि उनकी वीडियो सिर्फ बरुण में ही नहीं, बल्कि पूरे औरंगाबाद जिले में फेमस हो।

आर्थिक तंगी बनी बड़ी चुनौती

सविता चौहान की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। पैसों की कमी की वजह से उनका रोजाना जीवन गंभीर मुश्किलों से गुजर रहा है। इसके बावजूद, वह अपने टैलेंट और मेहनत के बल पर एक नई पहचान बनाना चाहती हैं और अपनी कलाकारी को लोगों तक पहुंचाने का सपना देख रही हैं।
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मीडिया और जनता से अपील*

सविता चौहान ने मीडिया के माध्यम से अपील की है कि उनकी वीडियो अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे ताकि उन्हें प्रोत्साहन और समर्थन मिल सके। वह चाहती हैं कि लोग उनकी वीडियो को लाइक और सब्सक्राइब करें, जिससे उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिले और उनका संघर्ष रंग लाए।

निष्कर्ष

सविता चौहान की यह कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो समाज और परिवार के विरोध के बावजूद अपने सपनों को जीने का हौसला रखते हैं। उनका संघर्ष यह साबित करता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी रुकावट आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती।

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