परिजनों ने लगाया साजिश का आरोप, कंपनी पर मुआवजे की मांग — “बच्चों का क्या होगा”
मुंबई/देवरिया।
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रहने वाले 35 वर्षीय ट्रक चालक सबरू यादव की संदिग्ध मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 9 अक्टूबर की रात उन्होंने अपनी पत्नी से हंसते-मुस्कुराते बात की थी, लेकिन अगले ही दिन सुबह सात बजे अचानक यह खबर आती है कि उनकी मौत पेट दर्द के चलते हो गई। परिवार को यकीन नहीं हो रहा कि जो व्यक्ति रात तक बिल्कुल स्वस्थ था, वह सुबह अचानक कैसे मर सकता है।
घटना के बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया और शव को परिजनों को सौंप दिया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक परिवार को नहीं मिली है। मृतक के रिश्तेदार अमरनाथ यादव की मौजूदगी में मिरा-भाईंदर महानगरपालिका में उनका अंतिम संस्कार हुआ
सबरू यादव सूरत से मुंबई के बीच ट्रक चलाने का काम करते थे। इस दौरान वह कंपनी के मुंशी राजेश से नियमित रूप से डीज़ल का पैसा और सैलेरी लेते थे। परिजनों का आरोप है कि घटना के बाद से राजेश का मोबाइल फोन बंद है, जिससे शक गहराता जा रहा है।
परिवार का आरोप है कि पुलिस ने मामले में गंभीरता से जांच नहीं की और लीपापोती कर दी गई। पत्नी चंदा देवी ने कहा कि “मेरे पति की मौत सिर्फ पेट दर्द से नहीं हो सकती। वह बिल्कुल ठीक थे। यह मामला संदिग्ध है और इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए।”
पत्नी ने यह भी मांग की कि जिस कंपनी में उनके पति काम करते थे, वह बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए आर्थिक मुआवजा दे। उन्होंने कहा, “मेरे दो छोटे बच्चे हैं — पांच साल का शिवराज और चार साल की आराध्या। उनके पालन-पोषण का क्या होगा। कंपनी को जिम्मेदारी निभानी चाहिए।” परिजनों का कहना है कि अभी तक कंपनी की ओर से कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया है।
सबरू यादव की मौत ने उनके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। परिवार अब न्याय की मांग कर रहा है और चाहता है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर सच्चाई सामने लाई जाए।