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19 साल की लड़की से शादी करना पड़ा भारी, घर पर हमला और जान से मारने की धमकी

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मुरैना जिले के युवक नवीन (उम्र 24 वर्ष), जिसने हाल ही में सखी नाम की 19 वर्षीय युवती से प्रेम विवाह किया है, अब मुसीबतों में घिर गया है। बताया जा रहा है कि सखी की उम्र अभी पूरी 19 वर्ष नहीं हुई है—उसकी 19वीं सालगिरह में दो-तीन महीने बाकी हैं। ऐसे में लड़की के परिजनों ने इस विवाह का विरोध करते हुए युवक के परिवार पर हमला कर दिया।

पीड़ित आकाश, जो नवीन का बड़ा भाई है, ने बताया कि लड़की के घर वालों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और परिवार को जान से मारने की धमकियां दीं। घटना के बाद से परिवार डरा-सहमा हुआ है और प्रशासन से सुरक्षा की मांग कर रहा है।

आकाश ने यह भी कहा कि दोनों युवक-युवती एक-दूसरे से प्रेम करते थे और बालिग होने की सीमा के करीब पहुंचने पर विवाह का निर्णय उन्होंने स्वयं लिया था। हालांकि, लड़की के घरवालों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था।

पीड़ित परिवार ने मुरैना पुलिस से इस पूरे मामले में सुरक्षा की गुहार लगाई है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। घटना को लेकर क्षेत्र में तनाव की स्थिति बनी हुई है।

लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर मध्य प्रदेश और गुजरात के युवाओं ने किया कानूनी समझौता

मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के नवीन सिंह गोपाल सिंह सिकरवार (उम्र 28 वर्ष), निवासी ग्राम भरया, तहसील जौरा और सखी हरेन्द्र सिंह तोमर (उम्र 18 वर्ष), निवासी भिड़ोसा, तहसील लेपा, मुरैना, ने एक-दूसरे की सहमति से लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का निर्णय लिया है। इस संबंध में दोनों पक्षों ने गुजरात के गांधीनगर जिले में विधिवत रूप से एक न्यायिक शपथपत्र (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किए हैं।

यह समझौता 22 मई 2025 को गांधीनगर के नोटरी बी.एम. पटेल की उपस्थिति में साइन किया गया, जिसकी स्टांप ड्यूटी ₹300 अदा की गई। इस दस्तावेज़ में दोनों पक्षों ने स्पष्ट किया कि वे एक-दूसरे की सहमति और प्रेमपूर्ण संबंधों के आधार पर साथ रह रहे हैं। किसी भी प्रकार का लालच, जबरदस्ती या धोखा इस समझौते में शामिल नहीं है।

समझौते में उल्लेख है कि दोनों पक्षों ने केवल अपने-अपने जेवर, नकदी और पहनने के कपड़े के साथ घर छोड़ा है और वे अपने परिवार, अभिभावकों या किसी अन्य व्यक्ति को इस संबंध में उत्तरदायी नहीं मानते। यदि भविष्य में किसी प्रकार का विवाद या असहमति उत्पन्न होती है, तो दोनों ही पक्ष आपसी सहमति से उसका समाधान करेंगे और किसी पुलिस, महिला आयोग या अदालत में इसकी शिकायत नहीं करेंगे।

दोनों युवाओं ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह समझौता तब तक वैध रहेगा जब तक दोनों पक्ष इसे आपसी सहमति से रद्द नहीं करते। किसी एक पक्ष की इच्छा से यह समझौता खत्म नहीं किया जा सकेगा।

इस तरह के दस्तावेज़ों से यह स्पष्ट होता है कि देश में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर युवाओं में कानूनी जागरूकता बढ़ रही है और वे अपने रिश्तों को संवैधानिक और वैधानिक सुरक्षा देने की दिशा में कदम उठा रहे हैं।

लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानूनी समझौता, पर मुरैना में युवक के घर पर हमला – आकाश ने मांगी सुरक्षा

जहां एक ओर देश में युवा अपने रिश्तों को लेकर कानूनी जागरूकता दिखा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रेम विवाह के चलते परिवारों को समाजिक और प्रशासनिक दबाव झेलना पड़ रहा है। ऐसा ही मामला सामने आया है मध्य प्रदेश के मुरैना जिले से, जहां नवीन नाम के युवक ने अपनी पसंद से सखी नाम की युवती से विवाह किया, जिसकी उम्र 19 वर्ष पूरी होने में कुछ ही महीने बाकी हैं।

नवीन के बड़े भाई आकाश ने मीडिया के माध्यम से शासन-प्रशासन से सुरक्षा की गुहार लगाई है। आकाश का आरोप है कि लड़की के परिजनों ने उनके घर पर हमला किया, तोड़फोड़ की और उन्हें जान से मारने की धमकियां दीं।

आकाश का कहना है कि उसका भाई और सखी दोनों बालिग़ होने की कगार पर हैं और अपनी मर्जी से घर से गए हैं। लेकिन लड़की के परिजन आरोप लगा रहे हैं कि नवीन ने उनकी बेटी का अपहरण किया है। इसके चलते वे आकाश और उसके परिवार को झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रच रहे हैं।

दूसरी ओर, लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर कानूनी समझौते का एक उदाहरण गुजरात के गांधीनगर में सामने आया है। मुरैना जिले के नवीन सिंह गोपाल सिंह सिकरवार (उम्र 24 वर्ष), निवासी ग्राम भरया, तहसील जौरा, और उनकी सखी हरेन्द्र सिंह तोमर (उम्र 18 वर्ष), निवासी भिड़ोसा, तहसील लेपा, मुरैना ने आपसी सहमति से लिव-इन रिलेशनशिप में रहने का निर्णय लिया और 22 मई 2025 को गांधीनगर में नोटरी के समक्ष ₹300 स्टांप ड्यूटी के साथ शपथपत्र पर हस्ताक्षर किए।

इस दस्तावेज़ में स्पष्ट किया गया है कि दोनों अपनी मर्जी से साथ रह रहे हैं और किसी परिजन या बाहरी दबाव से यह निर्णय नहीं लिया गया है। यदि भविष्य में कोई विवाद उत्पन्न होता है, तो वे आपसी सहमति से उसका समाधान करेंगे और किसी न्यायालय या पुलिस में शिकायत नहीं करेंगे।

इन दोनों मामलों से यह स्पष्ट है कि जहां एक ओर देश के युवा अपने संबंधों को कानूनी रूप देने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कई बार समाजिक दबाव, पारिवारिक विरोध और प्रशासनिक उदासीनता के चलते ऐसे रिश्ते विवाद और हिंसा की ओर भी बढ़ सकते हैं।

आकाश और उसका परिवार अब जिला प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि उन्हें सुरक्षा दी जाए और उन पर हो रहे हमलों तथा झूठे आरोपों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

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